Edited By Radhika,Updated: 12 Dec, 2024 03:01 PM
अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को महिलाओं को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। दिल्ली कैबिनेट ने महिला सम्मान निधि योजना को मंजूरी दे दी है। राजधानी की 18 साल से 60 साल की महिलाओं के खाते में हर महीने आएंगे 1000 रुपये डाले जाएंगे।
नेशनल डेस्क: आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के लिए चुनाव से पहले दो बड़ी घोषणाएँ की हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण घोषणा महिला सम्मान योजना (Mukhyamantri Mahila Samman Yojana) से जुड़ी है, जिसे उन्होंने गुरुवार को पार्टी कार्यालय में मुख्यमंत्री आतिशी के साथ प्रेस वार्ता के दौरान किया। केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली कैबिनेट की बैठक में इस योजना पर मंजूरी दी गई है। इसके तहत चुनाव के बाद महिलाओं के खातों में 2100 रुपये डाले जाएंगे। पहले इस योजना में महिलाओं को 1000 रुपये देने का प्रस्ताव था, जिसे बढ़ाकर अब 2100 रुपये कर दिया गया है।
13 दिसंबर से रजिस्ट्रेशन शुरू होंगे
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि महिला सम्मान योजना के तहत रजिस्ट्रेशन 13 दिसंबर, शुक्रवार से शुरू हो जाएंगे। रजिस्ट्रेशन के लिए महिलाओं की उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
खातों में आएंगे 2100 रुपये
केजरीवाल ने कहा कि पहले इस योजना में महिलाओं के खाते में 1000 रुपये देने का प्रस्ताव था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 2100 रुपये कर दिया गया है। चुनाव के बाद महिलाओं के खातों में 2100 रुपये भेजे जाएंगे।
महिलाओं से अपील
पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने महिलाओं से अपील की कि वे पूरी ताकत से चुनाव में भाग लें और सुनिश्चित करें कि आम आदमी पार्टी 60 से ज्यादा सीटें जीतें। उन्होंने कहा कि यदि पार्टी 60 सीटें नहीं जीतती, तो भाजपा वाली सरकार इसे लागू नहीं होने देगी।
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दिल्ली सरकार ने मार्च 2024 में 2024-25 के बजट में इस योजना की घोषणा की थी, जिसमें महिलाओं को 1000 रुपये प्रति माह देने का प्रस्ताव था। अब इसे बढ़ाकर 2100 रुपये किया गया है। केजरीवाल ने कहा कि चुनाव के दौरान पैसे का वितरण नहीं हो सकेगा, लेकिन चुनाव के बाद 2100 रुपये दिए जाएंगे।
योजना से जुड़ी प्रमुख बातें
योजना का लाभ केवल उन महिलाओं को मिलेगा जिनकी उम्र 18 साल या उससे अधिक हो।
महिला के पास दिल्ली का वोटर आईडी कार्ड होना चाहिए।
यह योजना आयकर भरने वाली महिलाओं के लिए लागू नहीं होगी।
इस योजना की घोषणा मार्च में की गई थी, और इसे अप्रैल में लागू करने की योजना थी, लेकिन कुछ राजनीतिक कारणों के चलते इसमें देरी हुई।