Alka Lamba Interview: दिल्ली की हवा बदल रही, कांग्रेस फिर उभर रही

Edited By Deepender Thakur,Updated: 07 Jan, 2025 12:26 PM

congress candidate from kalkaji alka lamba exclusive interview

Delhi Assembly Election 2025 का सियासी मैदान सज चुका है, इसी सियासी मैदान में कालकाजी विधानसभा सीट से कांग्रेस की प्रत्याशी और राष्ट्रीय महिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष अलका लांबा आप की उम्मीदवार आतिशी और भाजपा के उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी को टक्कर दे...

Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली के कालकाजी विधानसभा सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार व राष्ट्रीय महिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष अलका लांबा  ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/ जगबाणी/हिंद समाचार से खास बातचीत की है। पेश हैं विशेष साक्षात्कार के मुख्य अंश...

सवाल- चुनाव के लिए आपका क्षेत्र बदलता रहा है। इस बार फिर नया इलाका है। इससे किसी तरह की कोई परेशानी तो नहीं हो रही है?

जबाव- मुझे मेरी पार्टी ने जब, जहां से कहा मैंने वहां से चुनाव लड़ा। छात्र संघ और जनता के बीच रहते हुए संघर्ष किया। अरविंद केजरीवाल, आतिशी दिल्ली में हैं और मैं खुद यहां जन्मी हूं, मैंने यहां संघर्ष किया है, पढ़ी हूं, पली हूं और इसीलिए खुद को दिल्ली का मानती हूं। डीयू का चुनाव लड़ा और जीती, अब कांग्रेस का आदेश हुआ तो मैं यहां जनता के बीच हूं। मैं यहां की जनता के बीच हूं, चुनाव लड़ रही हूं। कोई परेशानी नहीं है, लोगों का समर्थन मिल रहा है।

सवाल- आम आदमी पार्टी में क्या अच्छा लगा था कि जो आपने कांग्रेस छोड़ दी थी?

जबाव- मैंने कांग्रेस छोड़ी थी, लेकिन कांग्रेस की विचारधारा नहीं। मैं आम आदमी पार्टी नहीं गई, मैं रामलीला मैदान गई थी। वहां आंदोलन चल रहा था। तब आरोप लग रहे थे, टू जी, थ्री-जी को लेकर सवाल हो रहे थे, आरोप मनमोहन सिंह जी पर लग रहे थे, शीला दीक्षित पर लग रहे थे। लेकिन, यह आरोप लगाते रहे साबित नहीं कर पाए। फिर पार्टी बनी और सच सामने आने लगा। तब मुझे लगा कि झूठे आरोप लगाकर सत्ता हथियाने का जरिया था आंदोलन।

सवाल- आप कांग्रेस से आम आदमी पार्टी में शामिल हुईं। उनकी  सरकार बन गई थी, फिर ऐसा क्या हुआ कि आप वापस कांग्रेस आ गईं?

जबाव- दो बड़े कारण हैं, जो आम आदमी पार्टी कह रही थी वो कर नहीं रही थी। रामलीला मैदान में जनलोकपाल, स्वराज, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की बात हो रही थी, लेकिन वह सब गायब हो गया। भ्रष्टाचार, शराब की नीति यह सब होने लगा। दिल्ली विधानसभा में प्रस्ताव आता है कि राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेना चाहिए। भाजपा गदगद थी, वहां सभी 70 विधायक थे, कांग्रेस का कोई नहीं था।

वहां मैंने अरविंद केजरीवाल से कहा, आप राजनीति बदलने आए थे, किस राजनीति में उलझ रहे हैं। राजीव गांधी के योगदान को कतई भुलाया नहीं जा सकता। एक युवा प्रधानमंत्री जिन्होंने युवाओं को वोट का अधिकार दिया, कंप्यूटर दिया, महिलाओं को आरक्षण दिया, देश के लिए कुर्बान हो गए। मेरी अंतरआत्मा की आवाज थी यह, मैंने एक विधायक के तौर पर विरोध किया और पार्टी को छोड़ दिया। जिस विचारधारा से मैं जुड़ी थी, वह गांधी, अंबेडकर, पटेल की विचारधारा से जुड़ती है।

सवाल- चुप रहतीं तो सत्ता में रहतीं आप?

जबाव- मैंने सत्ता में रहना नहीं चुना। यह रास्ता कालकाजी की विधायक आतिशी ने चुना। लोगों में इसको लेकर नाराजगी है कि आतिशी ने शराब नीति का विरोध क्यों नहीं किया।

सवाल- आजकल आप बार-बार और जगह-जगह ‘टीसीएम’ कह रही हैं, ये क्या है?

जबाव- आप के मुखिया ने ही इस शब्द को दिया है। एक टीवी इंटरव्यू में इसका अविष्कार किया गया है। टेंपरेरी सीएम खुद अरविंद केजरीवाल ने बोला है। इसी को टीसीएम कहा जा रहा है। लेकिन, खुद के लिए ऐसी बात सुनकर भी आतिशी चुप हैं। वह कमजोर हैं।

आप ने आरोप लगाया गया है कि नई दिल्ली सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी संदीप दीक्षित की फंडिंग भाजपा कर रही है, कल को यह आरोप अन्य कांग्रेसी उम्मीदवारों पर लग सकते हैं?

आरोप लगाकर भाग जाना उनकी आदत है, मैं बहुत अच्छी तरह से जानती हूं। यह झूठे खोखले आरोप हैं। जैसे प्रधानमंत्री मोदी करते हैं। ऐसे ही अरविंद केजरीवाल करते हैं। झूठ बोलते हैं। केजरीवाल के आरोपों में दम है तो सबूत रख दो, मुद्दा ये है कि दस साल में दिल्ली की जो बदहाली हुई है, उसके लिए जिम्मेदार भाजपा और आप हैं। एक बच्चे की पिटाई इसलिए हो गई क्योंकि उसने आसमान का रंग के लिए काला पेंट किया। लेकिन, जब उससे इसका कारण पूछा गया तो उसने बताया कि मैंने आसमान काला ही देखा है इसलिए काला रंग भर दिया। प्रदूषण, गंदा पानी, टूटी सड़कें, अनगिनत समस्याएं, दिल्ली बर्बाद हो गई है। इसी कारण दिल्ली की हवा बदल रही है। दिल्ली में कांग्रेस मजबूत विकल्प बनकर उभर रही है।

सवाल- मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोप लगाए जा रहे हैं, कालकाजी में क्या हाल है?

जबाव- कालकाजी में 18 बूथ कम हुए हैं। मतदाता कहां जुड़े हैं, कहां कम हो गए हैं। ये सब विस्तार से देखेंगे तो ही सही स्थिति पता चलेगी। लेकिन महाराष्ट्र में ऐसी हेरफेर के सबूत सामने आए हैं। खासतौर पर अल्पसंख्यक इलाकों में यह किया गया है।

सवाल- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां झुग्गी वहां मकान योजना में नए फ्लैट गरीबों को दिए, इस पर क्या कहेंगी?

जबाव- दस साल से बैठे रहे यह लोग। गरीब लोग झुग्गी बस्तियों में पानी, बिजली की समस्याओं का सामना कर रहे हैं। उन्हें प्रचार बखूबी आता है। लेकिन सच ये है कि चुनाव से ठीक पहले दो-चार फ्लैट्स की चाबी बांट देते हैं। इन्हें लगता है कि चुनाव से पहले मोदी आएंगे सब ढंक जाएगा, लोग अब छलावे में नहीं आएंगे। दस साल सिर्फ लोगों को मकान दिखाए हैं, उन्हें दिए नहीं गए।

सवाल- दिल्ली सरकार के शिक्षा, हेल्थ मॉडल को देख रही हैं, क्या कहेंगी उस पर?

जबाव- क्या, जब शीला दीक्षित सीएम थीं तब एक भी स्कूल, अस्पताल नहीं थे। ये किसी के ऊपर अहसान नहीं कर रहे हैं, इन्होंने रंग रोगन किया और प्रचार ज्यादा किया। शीशमहल पर करोड़ों खर्च किया, शीला दीक्षित ने प्रचार नहीं किया। प्रदूषण नहीं हो, इसके लिए दिल्ली को हराभरा किया। इकोफ्रेंडली बसें, मेट्रो शीला दीक्षित लेकर आईं। इन्होंने सब तहस नहस कर दिया है।

सवाल- आप की योजनाओं पर क्या कहेंगी?

जबाव- बस सेवा महिलाओं के लिए मुफ्त हैं, लेकिन म​हिलाओं को देखकर ड्राइवर बस को रोकते ही नहीं। इसको लेकर महिलाओं में गुस्सा है। मैं चुनौती देती हूं कि पंजाब के मुख्यमंत्री को बुलाएं और दिखाएं कितना पैसा महिलाओं को दिया गया है। एक हजार रुपए देने का वादा था, भगत सिंह की कसम खाई थी। दिल्ली में कह रहे हैं आएंगे तब देंगे, आपने दस साल क्यों नहीं दिए। ये सिर्फ सत्ता चाहते हैं।

सवाल- आप का सीएम पद का चेहरा सामने है, भाजपा व कांग्रेस से कोई चेहरा नहीं है?

जबाव- कौन है आप का मुख्यमंत्री उम्मीदवार, लोगों ने उन्हें वोट दिया था, लेकिन अदालत ने उन्हें आदेश दिया तभी कुर्सी छोड़ी, सीएम आतिशी हैं और वह फेल हो चुकी हैं। अरविंद केजरीवाल ने उन्हें टेंपरेरी कहकर कमजोर कह दिया है। कांग्रेस लड़ाई में आ चुकी है, ये दिल्ली है तो हमारे यहां कई चेहरे मैदान में हैं। संदीप दीक्षित, अरविंद केजरीवाल को हराने जा रहे हैं इसके अलावा देवेंद्र यादव, अनिल चौधरी, हारून यूसुफ कई नेता हैं। हमारे यहां लोकतांत्रिक व्यवस्था है। विधायक दल की बैठक में तय होता यह सब।

शीला दी​क्षित हार सकती हैं तो केजरीवाल क्यों नहीं!

सवाल- कालकाजी से भाजपा उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी के बयान पर आतिशी रो पड़ीं, इस पर क्या कहना चाहेंगी?

जबाव- रमेश बिधूड़ी पूर्व सांसद हैं, विधायक बनेंगे नहीं। ऐसा व्यक्ति किसी सदन का सदस्य कैसे हो सकता है। उनकी भाषा किसी से छिपी नहीं है इसीलिए उनका सांसद का टिकट कटा, कालकाजी से विधायक का उम्मीदवार बनाया गया। यहां उन्होंने कह दिया प्रियंका गांधी के गालों जैसी सड़कें बनवाऊंगा वो लालू यादव की बात से जोड़कर आगे ले गए। माफी मांगी क्योंकि पुतले फूंके गए। ये माफी धोखा थी, क्यों उन्होंने फिर आतिशी के लिए गलब बयान दे दिया। मैं कहूंगी आतिशी की आंखों में आंसू नहीं आने चाहिए।

बहुत सी महिलाएं दिल्ली में अत्याचार सह रही हैं, लेकिन लड़ने का जज्बा होना चाहिए। आतिशी ने रोकर बता दिया कि वह कमजोर हैं। उन्हें आंख में आंख डाल कर चुनौती देनी चाहिए थी, कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए थी। आम आदमी पार्टी भी बराबर की दोषी है। बयान के बाद प्रियंका गांधी की आंखों में आंसू नहीं दिखे, क्योंकि पूरी कांग्रेस उनके साथ उतर आई। आप कार्यकर्ताओं को आतिशी के समर्थन में सड़कों पर आना चाहिए था।

मैं उन्हें विकास के मुद्दे पर घेरूंगी निजी तौर पर हमले नहीं करूंगी। मैं रमेश बिधूड़ी को बता दूं कि जब बेटी का विवाह होता है तो पिता, घर, सरनेम बदल जाता है, मायके में एक पिता होता है और ससुराल में दूसरा पिता होता है। लेकिन, आपने जैसे कहा है यह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।

सवाल- पिछले दो चुनाव में कालकाजी में कांग्रेस का प्रदर्शन कमजोर रहा है, आपके लिए यह कमजोर पिच नहीं है?

जबाव- यहां पहले 1993 में भाजपा जीती। उसके बाद कांग्रेस ने यहां लगातार जीत दर्ज की। भाजपा के तीन सीएम रहे, फिर तीन बार शीला दीक्षित सीएम रहीं और फिर बदलाव हुआ अरविंद केजरीवाल आए तो बदलाव फिर होने वाला है और इस बार कांग्रेस दिल्ली में मजबूती से लड़ रही है। शीला दीक्षित हार जाएंगी, यह कोई नहीं कह सकता था, लेकिन वह हार गईं। ऐसे ही अरविंद केजरीवाल हारेंगे और कांग्रेस की जीत होगी।

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