Edited By ,Updated: 27 Nov, 2024 06:30 AM
कुछ समय से देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही है। एक ओर आम लोगों के विरुद्ध अपराध जोरों पर हैं तो दूसरी तरफ कानून के रखवाले कहलाने वाले पुलिस कर्मचारी भी आपराधिक तत्वों के हाथों सुरक्षित नहीं हैं और उन पर हमले हो रहे हैं जो निम्न ताजा...
कुछ समय से देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही है। एक ओर आम लोगों के विरुद्ध अपराध जोरों पर हैं तो दूसरी तरफ कानून के रखवाले कहलाने वाले पुलिस कर्मचारी भी आपराधिक तत्वों के हाथों सुरक्षित नहीं हैं और उन पर हमले हो रहे हैं जो निम्न ताजा उदाहरणों से स्पष्ट है :
* 23 नवम्बर को त्रिशूर (केरल) के ‘पेरमंगलम’ में एक जुलूस के दौरान पुलिस अधिकारियों पर हमला करने के आरोप में 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया। घटना के बाद सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में एक युवक पुलिस जीप के ऊपर नाचता हुआ देखा गया।
* 25 नवम्बर को गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) में 2 पक्षों में मारपीट की सूचना मिलने पर जांच के लिए वहां पहुंचे ‘दुधरा चौकी’ के प्रभारी राकेश कुमार तथा सिपाही विनीत कुमार को एक पक्ष के लोगों द्वारा बंधक बनाकर बुरी तरह पीटा गया।
चौकी इंचार्ज राकेश कुमार ने किसी तरह वहां से भाग कर बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचाई लेकिन सिर पर चोट लगने के कारण वह बेहोश हो गए जिसके बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाना पड़ा।
* 25 नवम्बर को ही बिहार में पूर्वी चम्पारण जिले के ‘कुंडवा चैनपुर’ थाना क्षेत्र के पुलिस अधिकारियों ने जब एक रैली को रोकने की कोशिश की तो रैली में शामिल लोगों ने उन पर ही हमला कर दिया और दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। दूसरी घटना में ‘दरपा थाना’ के ‘तिनकोनी’ गांव में पुलिस पर फायरिंग करने के आरोप में 2 लोगों को हिरासत में लिया गया।
* 25 नवम्बर को ही दरभंगा (बिहार) के ‘नेहरा’ में पुलिस द्वारा कागज दिखाने के लिए एक कार को रोकने पर उसमें सवार बदमाशों ने पुलिस कर्मचारियों पर हमला करके न सिर्फ उनकी गाड़ी तोड़ दी बल्कि 4 पुलिस कर्मचारियों को घायल भी कर दिया।
लोगों और देश की रक्षा करने वाले पुलिस कर्मियों पर इस तरह के हमले निश्चय ही अपराधी तत्वों के बढ़ रहे हौसले और कानून का डर समाप्त हो जाने का ही परिणाम हैं। लिहाजा ऐसे अपराधों से निपटने के लिए कड़े प्रावधानों वाला कानून बनाने की आवश्यकता है ताकि ऐसा करने वालों को कठोरतम दंड मिले और दूसरों को नसीहत।—विजय कुमार