Edited By Deepender Thakur,Updated: 12 Feb, 2024 10:16 PM
साहित्य की दुनिया में अपने अनूठे योगदान और विचारोत्तेजक लेखनी के लिए प्रसिद्ध, जगद्गुरु डॉ. राजीव मेनन को अम्बेडकर ग्लोबल फाउंडेशन द्वारा अम्बेडकर नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उनकी उत्कृष्ट साहित्यिक कृति "नरेंद्र मोदी - द मैन...
नई दिल्ली: साहित्य की दुनिया में अपने अनूठे योगदान और विचारोत्तेजक लेखनी के लिए प्रसिद्ध, जगद्गुरु डॉ. राजीव मेनन को अम्बेडकर ग्लोबल फाउंडेशन द्वारा अम्बेडकर नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उनकी उत्कृष्ट साहित्यिक कृति "नरेंद्र मोदी - द मैन बिहाइंड दा विज़न" के लिए प्रदान किया गया, जिसने न केवल भारत बल्कि विश्व स्तर पर व्यापक पहचान और प्रशंसा प्राप्त की है।
डॉ. मेनन को यह पुरस्कार उनके द्वारा साहित्य के क्षेत्र में किए गए असाधारण योगदान के लिए प्रदान किया गया है। उनकी लेखनी में गहराई, शोध और विवेचना की असाधारण क्षमता है, जो पाठकों को न केवल जानकारी प्रदान करती है, बल्कि उन्हें गहन चिंतन और मनन के लिए भी प्रेरित करती है। उनकी कृतियाँ समाज, राजनीति, इतिहास और मानवीय संवेदनाओं के विविध पहलुओं को छूती हैं, जिससे वे एक विशिष्ट साहित्यिक आवाज बनकर उभरे हैं।
अम्बेडकर नोबेल पुरस्कार, जिसमें एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार, एक स्मारिका और एक प्रशंसा पत्र शामिल है, मार्च २०२४ में एक भव्य समारोह में डॉ. मेनन को प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर, देश के केंद्रीय मंत्री, नौकरशाह, और विभिन्न देशों के राजनयिक विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।
डॉ. मेनन की "नरेंद्र मोदी - द मैन बिहाइंड दा विज़न" पुस्तक ने प्रकाशन के बाद से ही साहित्यिक जगत में तहलका मचा दिया था। प्रकाशित होने के बाद से इस पुस्तक ने सिंगापुर, मलेशिया, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त अरब अमीरात, और मेडागास्कर जैसे देशों में कई प्रतिष्ठित पुरस्कार जीते हैं। इसकी सफलता ने न केवल डॉ. मेनन की लेखनी की व्यापकता और गहराई को साबित किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि साहित्य के माध्यम से कैसे वैश्विक स्तर पर संवाद स्थापित किया जा सकता है।
डॉ. मेनन का लेखन साहित्य के प्रति उनके गहरे प्रेम और समर्पण को दर्शाता है। उनकी पुस्तकें विचारशीलता, मानवीय मूल्यों और आधुनिक समाज की चुनौतियों का एक मिश्रण हैं, जो पाठकों को न केवल ज्ञान प्रदान करती हैं बल्कि उन्हें एक बेहतर समाज की कल्पना करने के लिए प्रेरित करती हैं।
इस पुरस्कार के साथ, डॉ. मेनन ने न केवल अपने लिए बल्कि भारतीय साहित्य के लिए भी एक नई ऊंचाई स्थापित की है। उनकी उपलब्धियाँ आगामी लेखकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगी और साहित्य के क्षेत्र में नई दिशाओं को प्रशस्त करेंगी। उनका कार्य और उपलब्धियाँ भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक अमिट छाप छोड़ेंगी, जो साहित्य के महत्व और शक्ति को पहचानने के लिए उन्हें प्रेरित करेगी।