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Interview : देश के बैकबोन हैं ट्रांसपोर्टर्स, सरकार से मदद की बड़ी उम्मीदें: डॉ. सभरवाल

Edited By Delhi National Desk,Updated: 21 Mar, 2025 04:29 PM

transporters are the backbone of the country said dr sabharwa

ट्रांसपोर्ट सेवा देश की आर्थिक व्यवस्था में बैकबोन है। करोड़ों लोग इस क्षेत्र से जुड़े हैं और देश के करदाताओं में इनका बड़ा हिस्सा हैं।

नई दिल्ली। ट्रांसपोर्ट सेवा देश की आर्थिक व्यवस्था में बैकबोन है। करोड़ों लोग इस क्षेत्र से जुड़े हैं और देश के करदाताओं में इनका बड़ा हिस्सा हैं। सभी नियम-कायदों को मानते हुए ट्रांसपोर्टर्स व्यवसाय करते हैं। राज्य सरकारों और केंद्र सरकार को ट्रांसपोर्टर्स की दिक्कतों को दूर करना चाहिए। यह बातें ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. हरीश सभरवाल ने नवोदय टाइम्स से हुई खास बातचीत में कहीं। डॉ. सभरवाल ने कहा कि ट्रांसपोर्ट व्यवसाय में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण आधारित कर लगाया जा रहा है, जो उचित नहीं है। नई यूरो-4 और यूरो-6 गाड़ियां प्रदूषण न फैलाने वाली तकनीक से लैस हैं, फिर प्रदूषण टैक्स क्यों? इसको हटवाना उनकी प्राथमिकता में शामिल है। इसके साथ ही बेतरतीब ढंग से किए जा रहे ई-चालान भी बड़ी समस्या हैं। गाड़ी कहीं होती है और चालान कहीं से आता है। 

मिले स्पेशल सेगमेंट की मान्यता 
डाॅ. सभरवाल ने कहा कि ट्रांसपोर्ट ऑपरेटरों को ‘स्पेशल सेगमेंट’ के रूप में मान्यता देने की आवश्यकता है। इससे ऑपरेटरों को सरकारी सहयोग मिलेगा और उनके लिए आसान नियम बनाए जाएंगे। ईंधन की कीमतों को नियंत्रित करना भी जरूरी है। हर राज्य में डीजल के दाम अलग-अलग होते हैं, जो ऑपरेटरों के लिए परेशानी का कारण बनता है। यदि सरकार इन दामों को नियंत्रित करे तो बड़ा फायदा होगा। 

बैटरी स्वैपिंग से मिलेगी राहत
भारी ई-वाहनों में सबसे अधिक कीमत बैटरी की है। यदि बैटरी स्वैपिंग जैसी सुविधा उपलब्ध कराई जाए तो ट्रांसपोर्टर्स पर पड़ने वाला आर्थिक बोझ काफी कम हो जाएगा।

ड्राइवर्स की सुरक्षा योजना जरूरी
ड्राइवरों की सुरक्षा और उनकी सुविधाओं को लेकर कारगर योजना की आवश्यकता है। ट्रांसपोर्ट क्षेत्र के ड्राइवरों को मानसिक और शारीरिक दोनों ही रूप से सहयोग की जरूरत होती है। उनकी कामकाजी स्थितियों को सुधारने के लिए सरकार को स्वास्थ्य सुरक्षा योजनाएं लागू करनी चाहिए। पैनिक बटन लगाने की योजना लागू की गई, लेकिन कंट्रोल रूम नहीं बनाए गए। फिर बटन का क्या लाभ। यही नहीं जब ट्रक में सवारी नहीं बल्कि माल ढोया जाता है तो ट्रक में पैनिक बटन की क्या जरूरत।

दिल्ली में भाजपा सरकार आने से होगा लाभ
डॉ. सभरवाल ने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार और दिल्ली में आप सरकार होने के कारण काफी नुक्सान होता रहा है। सभी काम अटके रहते थे। अब दिल्ली में भी भाजपा सरकार है तो इससे ट्रांसपोर्टर्स को लाभ होगा। जिस तरह की स्थिति है उसे देखकर लग रहा है कि दिल्ली में बनी भाजपा सरकार काम करना चाह रही है। चूंकि ट्रांसपोर्ट अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र है तो इसकी दिक्कतों पर भी विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा।

1936 से है संगठन
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की स्थापना सन 1936 में हुई थी। यह अखिल भारतीय संगठन है। ट्रक मालिकों, बस ऑपरेटरों, मालवाहक सेवा देने वालों के हितों के लिए यह संगठन काम करता है। ट्रांसपोर्ट व्यवसाय की समस्याओं को सरकार, न्यायालय और अन्य संबंधित संस्थाओं तक पहुंचाना और उनका समाधान कराना इसका उद्देश्य है। इस संगठन में लगभग 90 लाख ट्रक मालिक सदस्य हैं और 17 लाख बसें इसके नेटवर्क का हिस्सा हैं। बड़ी संख्या में क्षेत्रीय संगठन भी इस राष्ट्रीय संगठन से जुड़े हैं।

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