Edited By Niyati Bhandari,Updated: 28 Sep, 2022 07:53 AM
नवरात्रि देवी दुर्गा के 9 रूपों की साधना और उपासना का सरल मार्ग हैं। नवरात्रि हमारे मन व तन की शुद्धि करने के लिए ही रखे जाते हैं। नवरात्रि के तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की साधना की जाती है। मां का सौम्य एवं दिव्य रूप सुनहरी आभा
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Navratri 3rd day 2022: नवरात्रि देवी दुर्गा के 9 रूपों की साधना और उपासना का सरल मार्ग हैं। नवरात्रि हमारे मन व तन की शुद्धि करने के लिए ही रखे जाते हैं। नवरात्रि के तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की साधना की जाती है। मां का सौम्य एवं दिव्य रूप सुनहरी आभा लिए सिंह की सवारी किए दस भुजाओं से भक्तों को सुख, शांति, वीरता, निर्भयता का वरदान देते हैं। देवी को सुगंधि अति प्रिय है। चंद्र को घंटे की आकृति के समान मस्तक पर सुशोभित किए हुए देवी साधक को अलौकिक गंध, अलौकिक दृश्यों का भान कराती हैं। देवी की इस छवि का वर्णन देवी माहात्म्य में बड़े सुंदर शब्दों में किया गया है। देवताओं को महिषासुर के भय से मुक्त करने के लिए देवी ने यह रूप लिया था। देवी युद्ध मुद्रा में होते हुए भी भक्तों के लिए अत्यंत करुणामयि भाव रखती हैं। तीसरी देवी का पूजन करने से अज्ञात भय से मुक्ति मिलती है। हर क्षेत्र में विजय प्राप्ति होती है। जो बच्चे अभी शिक्षा ग्रहण करने की अवस्था में हैं, उन्हें मां का यह रूप आत्मविश्वास और सफलता प्रदान करने वाला है।
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आज के दिन देवी की पंचोपचार पूजा के बाद उन्हें दूध, खीर, शहद का भोग लगाएं। ऐसा करने से रुका हुआ धन वापिस मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
छोटी कन्याओं के दूध से चरण पखारें और उन्हें सफेद या सुनहरी वस्त्रों का दान देने से व्यापार में वृद्धि होगी।
तीसरे नवरात्रि की देवी का पूजन उत्तर पश्चिम के कोने में बैठ कर करने से विशेष लाभ मिलेगा। अगर किसी शत्रु का भय है तो घर के इसी कोने में देवी का चित्र लगा दें।
या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमो नमः।। इस मंत्र की 25 माला करने से देवी का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
शहद का दान लोगों में आपकी छवि अच्छी करेगा। समाज में मान-सम्मान और यश की प्राप्ति होगी।
नीलम
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