6th day of Navratri: आज करें देवी कात्यायनी की पूजा, जीवन की हर राह होगी आसान

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 01 Oct, 2022 07:30 AM

6th day of navratri

मां भवानी के नवरात्रि उनके 9 रूपों का पूजन करने के लिए प्रचलित हैं। नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी का पूजन करना एवं उनके विग्रह का ध्यान करना शुभ फल देता है। देवी कात्यायनी का नाम कात्या ऋषि

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Navratri 6th Day 2022: मां भवानी के नवरात्रि उनके 9 रूपों का पूजन करने के लिए प्रचलित हैं। नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी का पूजन करना एवं उनके विग्रह का ध्यान करना शुभ फल देता है। देवी कात्यायनी का नाम कात्या ऋषि के नाम पर पड़ा, इनके विषय में कई कथाएं प्रचलित हैं और इनका पूजन करना एक खास महत्व रखता है। एक मान्यता के अनुसार कात्या ऋषि के घोर तपस्या के पश्चात उन्हें मां भगवती ने पुत्री के रूप में प्रकट होने का वरदान दिया था।

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Story of Devi Katyayani: एक अन्य मान्यता के अनुसार ब्रह्मा जी की मानस पुत्री सृष्टि देवी को ही मां कात्यायनी का रूप माना जाता है। पूर्वी भारत के राज्यों में बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में इन देवी को छठ मैया के रूप में पूजा जाता है। इसका उल्लेख ब्रह्मवैवर्त में मिलता है। देवी कात्यायनी ने ही ऋषि कात्या के घर पुत्री रूप में पैदा होकर महिषासुर का वध किया था। इसी कारण से विजयदशमी का पर्व देवी कात्यायनी का महिषासुर के वध करने के उपलक्ष्य में श्री राम के रावण वध के पूर्व के समय से ही मनाया जा रहा है। देवी कात्यायनी की शक्ति व अनुकंपा से ही गोपियों ने भगवान श्री कृष्ण को पति के रूप में पाया था। इसके साथ ही श्री राम ने रावण से युद्ध के पहले देवी कात्यायनी का पूजन किया था और द्वापर युग में श्री कृष्ण ने पांडवों से युद्ध से पहले माता कात्यायनी का आवाहन व पूजन करवाया था।

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Maa Katyayani Puja: मां कात्यायनी के विग्रह को लाल आसन, लाल पुष्पों, लाल वस्त्रों से सजाते हुए उनकी पंचोपचार से पूजा करें। मनोकामना सिद्धि के लिए उन्हें लाल अनार अवश्य चढ़ाएं।

6th day of navratri mantra मंत्र: ॐ कात्यायनी देवी नमः

इस मंत्र का जाप 108 बार करते हुए मां कात्यायनी को 108 गुड़हल के फूल अर्पित करें। ऐसा करने पर न केवल इच्छा पूर्ति होती है अपितु सांसारिक बंधनों से या कष्टों से मुक्ति मिलती है।

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जिन विवाह योग कन्याओं का विवाह न हो रहा हो अथवा जिन्हें अपने पति से भरपूप प्रेम प्राप्त करने की इच्छा हो उन्हें देवी कात्यायनी को 16 श्रृंगार करना चाहिए और इसके साथ ही उनके विग्रह का ध्यान करते हुए उनसे इच्छित वर का वरदान मांगना चाहिए। देवी कात्यायनी की पूजा कालिंदी के पुष्पों से करने पर मां शीघ्र प्रसन्न होती हैं।

नीलम
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