Edited By Niyati Bhandari,Updated: 02 Sep, 2024 01:03 AM
अमावस्या जब सोमवार को होती है तो विशेष धार्मिक महत्व रखती है। इस दिन पितरों की शांति, मां लक्ष्मी की पूजा और व्रत रखने की परंपरा है। उपवास, दान-पुण्य और विशेष पूजा से जीवन में सुख-समृद्धि और पितृ दोष से
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Aaj ka good Luck 2024: अमावस्या जब सोमवार को होती है तो विशेष धार्मिक महत्व रखती है। इस दिन पितरों की शांति, मां लक्ष्मी की पूजा और व्रत रखने की परंपरा है। उपवास, दान-पुण्य और विशेष पूजा से जीवन में सुख-समृद्धि और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। सोमवार दिनांक 02.09.24 को भाद्रपद सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी। मत्स्यपुराण के अनुसार पितृओं ने अपनी कन्या आच्छोदा के नाम पर आच्छोद नामक सरोवर का निर्माण किया था। इसी सरोवर पर आच्छोदा ने पितृ नामक अमावस से वरदान पाकर अमावस्या पंचोदशी तिथि को पितृओं हेतु समर्पित किया। शास्त्रनुसार इस दिन कुश को बिना अस्त्र-शस्त्र के उपयोग किए उखाड़ कर एकत्रित करने का विधान है। अतः इस दिन एकत्रित किए हुए कुश का प्रभाव 12 वर्ष तक रहता है।
शास्त्रों के अनुसार इस दिन पितृ के निमित्त पिण्डदान, तर्पण, स्नान, व्रत व पूजन का विशेष महत्व है। इस दिन तीर्थ तट पर नदी-सरोवर में तिल प्रवाहित करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है। आज के विशेष पूजन से अमोघ फल और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
विशेष पूजा: दक्षिणमुखी होकर पितरों को कुशासन देकर उनके निमित पूजा करें। तिल के तेल का दीप करें, सुगंधित धूप करें, सफ़ेद तिल चढ़ाएं, दूध से तिलक करें व खीर का भोग लगाकर 108 बार विशिष्ट मंत्र जपें। इसके बाद खीर गरीबों में बांटें।
विशेष मंत्र: ॐ सर्व पितृ दोष निवारणाय क्लेशम् हं हं सुख शांति देही फट स्वाहा॥
आज का गुडलक ज्ञान
गुडलक मंत्र: ॐ श्रीम् नमः॥
गुडलक टिप: सर्वार्थ सफलता हेतु पीपल पर दूध चढ़ाएं।
गुडलक फॉर हेल्थ: आरोग्य प्राप्ति हेतु दूध में अपनी छाया देखकर जल प्रवाह करें।
गुडलक फॉर मैरिड लाइफ: जीवनसाथी संग किसी वृद्ध स्त्री को सफ़ेद वस्त्र दान करने से गृहक्लेश मिटेगा।