Edited By Prachi Sharma,Updated: 23 Jun, 2024 07:27 AM
ज्येष्ठ मास के बाद आषाढ़ का महीना आता है। जो कि इस साल 23 जून, दिन रविवार यानी आज से आरंभ हो रहा है जिसकी समाप्ति 21 जुलाई को होगी। हिंदू धर्म में आषाढ़ का महीना बेहद खास
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Aashad maas: ज्येष्ठ मास के बाद आषाढ़ का महीना आता है। जो कि इस साल 23 जून, दिन रविवार यानी आज से आरंभ हो रहा है जिसकी समाप्ति 21 जुलाई को होगी। हिंदू धर्म में आषाढ़ का महीना बेहद खास महत्व रखता है। बता दें कि आषाढ़ माह इच्छाओं को पूरा करने वाला माना गया है। इस महीने में किए गए पूजा-पाठ का शीघ्र फल प्राप्त होता है लेकिन इसी बीच आपको ये भी बता दें कि आषाढ़ महीने के कुछ नियम भी है। अगर व्यक्ति इन नियमों को अनदेखा करता है तो उसको जीवन में दरिद्रता का मुंह देखना पड़ता है।
सबसे पहले नियम के तौर पर आपको बता दें कि आषाढ़ महीने में देवशयनी एकादशी आती है। इस दिन जगत के पालनहार 4 महीने के लिए शयन पर चले जाते हैं। जिससे इस दिन से चर्तुमास शुरू हो जाता है। बता दें कि इस दौरान भूलकर भी मांगलिक कार्य जैसे कि विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश और जनेऊ संस्कार आदि नहीं करना चाहिए। अगर आप गलती से भी ये इस दौरान ये शुभ कार्य करते हैं तो इससे आपका जीवन मुश्किलों से घिर जाता है और सभी शुभ काम विफल हो जाते हैं।
दूसरा नियम- धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि आषाढ़ के महीने में हरी पत्तेदार सब्जियां, बैंगन, मसूर दाल, गोभी, लहसुन, प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए। इस मास में इन सबसे दूरी बनाकर रखनी चाहिए। इन चीजों का सेवन करने से आपको पूजा-पाठ, जप और व्रत का कोई भी फल नहीं मिलता है। इसी के साथ आषाढ़ के मास में गंध युक्त चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह चीजें मन को भटकाती है और मन की अशुद्धता को बढ़ाती है।
इसके अलावा इस पावन मास में मांस-मदिरा, मछली का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस महीने में मांस-मदिरा का सेवन करता है। उसको जीवन में कई आर्थिक परेशानियों का सामना पड़ता है।
तो वही जैसा कि हमने बताया कि इस महीने में भगवान विष्णु योग निद्रा पर चले जाते हैं। तो ऐसे में इस दौरान दानवीय शक्तियों का जोर अधिक रहता है। जो हमारे विचारों पर गहरा असर डालते हैं इसलिए आपको इस माह में अपनी वाणी पर संयम रखना चाहिए। अपना अधिकतर समय पूजा-पाठ में लगाएं।
आगे आपको बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में आषाढ़ के महीने में जल का अपमान करना बेहद ही अशुभ बताया गया है क्योंकि इस महीने में जलदेवता की विशेष तौर पर पूजा की जाती है। ऐसे में आप गलती से भी इस महीने में पानी की बर्बादी न करें। आप हो सके तो इस महीने में ज्यादा से ज्यादा से पानी का दान करें।
बताते चलें कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस महीने में क्रोध, अहंकार और घमंड से दूर रहे। इस मास में किसी का अपमान न करें और न ही किसी को अपशब्द बोले।