अड़गड़ानंद महाराज ने परमहंस आश्रम में की त्रिशूल स्थापना, विभिन्न प्रदेशों से पहुंचे संत और भक्त

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 18 Oct, 2022 10:13 AM

adgadanand maharaj established trishul in paramhans ashram

राजस्थान के नागौर में स्थित परमहंस आश्रम बालाजी परिसर में यथार्थ गीता के प्रणेता परमहंस स्वामी अड़गड़ानंद महाराज ने त्रिशूल स्थापना की। इस अवसर पर संतों ने त्रिशूल पूजा की।

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नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स):
 राजस्थान के नागौर में स्थित परमहंस आश्रम बालाजी परिसर में यथार्थ गीता के प्रणेता परमहंस स्वामी अड़गड़ानंद महाराज ने त्रिशूल स्थापना की। इस अवसर पर संतों ने त्रिशूल पूजा की।

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इस अवसर पर अड़गड़ानंद महाराज ने सत्संग के दौरान बताया कि संतों की कृपा से ही भक्तों का कल्याण संभव है। सतगुरु की शरण में आने से भक्तों का सदा कल्याण होता रहता है। इस मौके पर उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान सहित कई प्रांतों से भारी संख्या में भक्त पहुंचे। 

अड़गड़ानंद महाराज के सेवक आशीष महाराज, लाले महाराज, सोहम महाराज, तानसेन महाराज, शिवानंद महाराज के अलावा संतों में फरीदाबाद के प्रमुख संत चिंतनमयानंद  महाराज, बिहार आश्रम के श्रद्धानंद महाराज, अलीगढ़ के मुनीषानंद  महाराज, नहवानीपुर आश्रम के खदेरु महाराज, गोविंदगढ़ के रामू महाराज सहित भक्तों में प्रेम चंद जायसवाल, महेश्वरी प्रसाद बिंद, त्रिलोकी पाल, कृष्ण कुमार, शिव बहादुर पटेल, महेंद्र पाल आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
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