Edited By Niyati Bhandari,Updated: 12 Apr, 2020 07:32 AM
![after 100 years in badrinath the vision of akhand jyoti will not happen again](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2020_4image_07_30_370841871badrinath-ll.jpg)
भगवान बद्रीनारायण के कपाट 30 अप्रैल को खुलने हैं और तैयारियां अंतिम चरण में हैं। आदिकाल से चली आ रही परंपरा के साथ कपाट खुलेंगे लेकिन धार्मिक अनुष्ठानों में भक्तों की भीड़ नहीं रहेगी।
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गोपेश्वर(राजा तिवारी): भगवान बद्रीनारायण के कपाट 30 अप्रैल को खुलने हैं और तैयारियां अंतिम चरण में हैं। आदिकाल से चली आ रही परंपरा के साथ कपाट खुलेंगे लेकिन धार्मिक अनुष्ठानों में भक्तों की भीड़ नहीं रहेगी।
धाम के कपाट खुलने में अब 19 दिन शेष हैं लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते आंकड़े को देखते हुए इस वर्ष धाम में कपाट खुलने दौरान होने वाले अखंड ज्योति के दर्शन को लेकर तीर्थयात्रियों की मौजूदगी को लेकर संशय बना हुआ है।
कपाटोद्घाटन से पूर्व होने वाले आयोजनों में समिति के लोग ही उपस्थित रहेंगे। यह निर्णय आयोजन समितियों ने लिया है। धाम के धर्माधिकारी भुवन उनियाल ने बताया कि पूर्वजों के अनुसार वर्ष 1920 में गढ़वाल परिक्षेत्र में हैजा फैला था। उस समय भी महामारी के भय से धाम के कपाटोद्घाटन दौरान तीर्थयात्री धाम में नहीं पहुंचे थे, वहीं अब 100 वर्षों बाद कोरोना संक्रमण को देखते हुए एक बार फिर तीर्थयात्रियों के अखंड ज्योति के दर्शन न कर पाने की स्थितियां बनी हैं।