Edited By Sarita Thapa,Updated: 03 Mar, 2025 02:59 PM
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Agrasen ki Baoli: बॉलीवुड की पसंदीदा ‘अग्रसेन की बावली’अग्रसेन की बावली 60 मीटर लंबी और 15 मीटर चौड़ी है। यहां कई फिल्मों जैसे ‘पीके’, ‘सुल्तान’, ‘शुभ मंगल ज्यादा सावधान’, ‘मॉम’ और ‘कभी अलविदा न कहना’ की शूटिंग हुई है जिसके चलते इसे देखने का क्रेज...
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Agrasen ki Baoli: बॉलीवुड की पसंदीदा ‘अग्रसेन की बावली’अग्रसेन की बावली 60 मीटर लंबी और 15 मीटर चौड़ी है। यहां कई फिल्मों जैसे ‘पीके’, ‘सुल्तान’, ‘शुभ मंगल ज्यादा सावधान’, ‘मॉम’ और ‘कभी अलविदा न कहना’ की शूटिंग हुई है जिसके चलते इसे देखने का क्रेज भी पर्यटकों में अधिक रहता है। इसे अग्रवाल समुदाय ने अपने पूर्वजों की याद में बनवाया था। कभी भूतिया खंडहर तो कभी बॉलीवुड की वजह से हमेशा चर्चा में बनी रहने वाली अग्रसेन की बावली अब आमजन मुफ्त में नहीं देख सकेंगे। इसके लिए अब टिकट खरीदना होगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ए.एस.आई.) ने इस जगह पर टिकट लगाने का फैसला किया है।
सिर्फ इसी पर नहीं, इसके साथ मिर्जा नजफ खान के मकबरे पर जाने के लिए भी अब टिकट लेनी होगी। दरअसल, यह फैसला यहां बढ़ती पर्यटकों की संख्या को देखते हुए उठाया गया है।
मिर्जा नजफ खान के मकबरे पर हर दिन लगभग 250 लोग आते हैं वहीं, अग्रसेन की बावली फिल्म शूटिंग और पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। अधिकारियों के अनुसार दोनों स्मारकों पर टिकट लगाने के लिए प्रस्ताव बनाकर सांस्कृतिक मंत्रालय के डायरैक्टर को भेज दिया गया है। जैसे ही उनकी ओर से जवाब आएगा, वैसे ही अन्य स्मारकों की तरह यहां पर भी घूमने के लिए आने वाले लोगों को टिकट खरीदना पड़ेगा। कितने की होगी टिकट अभी तय नहीं अधिकारियों का कहना है, अभी टिकट के दाम तय नहीं हुए हैं, लेकिन अन्य स्मारकों की तरह ही भारतीयों के लिए 20-30 रुपए और विदेशी पर्यटकों के लिए 200-300 रुपए का टिकट हो सकता है।
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टिकट लगाने से तोड़-फोड़ और गलत गतिविधियों पर रोक लगेगी, साथ ही स्मारकों की देखभाल भी बेहतर तरीके से हो पाएगी। साथ ही ऐतिहासिक धरोहरों को बचाने के बीच संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि दिल्ली में 173 स्मारकों में से अभी केवल 9 में ही टिकट लगता है। इनमें लाल किला, हुमायूं का मकबरा, कुतुब मीनार, पुराना किला, सफदरजंग का मकबरा, जंतर-मंतर, कोटला फिरोजशाह, हौज खास और खान-ए-खाना शामिल हैं।
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