Edited By Niyati Bhandari,Updated: 09 Nov, 2024 07:23 AM
Amla Navami 2024: पुराणों के अनुसार अक्षय नवमी पर जो भी पुण्य किया जाता है, उसका फल कई जन्मों तक समाप्त नहीं होता। इस दिन दान, पूजा, भक्ति, सेवा जहां तक संभव हो व अपनी सामर्थ्य अनुसार अवश्य करें। उसी तरह यदि आप शास्त्रों के विरूद्ध कोई काम करते हैं...
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Amla Navami 2024: पुराणों के अनुसार अक्षय नवमी पर जो भी पुण्य किया जाता है, उसका फल कई जन्मों तक समाप्त नहीं होता। इस दिन दान, पूजा, भक्ति, सेवा जहां तक संभव हो व अपनी सामर्थ्य अनुसार अवश्य करें। उसी तरह यदि आप शास्त्रों के विरूद्ध कोई काम करते हैं तो उसका पाप भी कई जन्मों तक किसी न किसी रूप में भुगतना पड़ता है। ध्यान रखें, ऐसा कोई काम न करें जिससे आपकी वजह से किसी को दुख पहुंचे।
आंवला नवमी के दिन सुबह नहाने के पानी में आंवले का रस मिलाकर नहाएं। ऐसा करने से आपके इर्द-गिर्द जितनी भी नेगेटिव ऊर्जा होगी, वह समाप्त हो जाएगी। सकारात्मकता और पवित्रता में बढ़ोतरी होगी। फिर आंवले के पेड़ और देवी लक्ष्मी का पूजन करें। इस तरह मिलेंगे पुण्य, कटेंगे पाप।
अक्षय नवमी के अवसर पर आंवले के पेड़ की पूजा करने का विधान है। कहते हैं इस दिन भगवान विष्णु एवं शिव जी यहां आकर निवास करते हैं। आज के दिन स्नान, पूजन, तर्पण तथा अन्नदान करने का बहुत महत्व होता है।
आंवले के पेड़ के नीचे झाड़ू से साफ-सफाई करें। फिर दूध, फूल एवं धूप से पूजन करें।
इसकी छाया में पहले ब्राह्मणों को भोजन करवाएं फिर स्वयं करें।
पुराणों के अनुसार भोजन करते वक्त थाली में आंवले का पत्ता गिर जाए तो आपके भविष्य के लिए यह मंगल सूचना का संकेत है।
मान्यता के अनुसार आने वाला साल सेहत के लिए तंदुरुस्ती भरा होगा। आंवले के पेड़ के नीचे भोजन करने की प्रथा का आरंभ देवी लक्ष्मी ने किया था।
आंवले की पूजा अथवा उसके नीचे बैठकर भोजन खाना संभव न हो तो आंवला जरूर खाएं।