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Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया पर जन्मा बच्चा बनता है करिश्माई व्यक्तित्व का स्वामी, जानिए कैसे ?

Edited By Prachi Sharma,Updated: 25 Apr, 2025 07:21 AM

akshaya tritiya 2025

अक्षय तृतीया, जिसे अखातीज भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन का धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अत्यंत महत्व होता है।

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Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया, जिसे अखातीज भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन का धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अत्यंत महत्व होता है। वर्ष 2025 में यह शुभ तिथि 30 अप्रैल को पड़ रही है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन जन्म लेने वाले शिशु विशेष भाग्यशाली, करिश्माई और सफल होते हैं। उनके व्यक्तित्व में कुछ असाधारण गुण होते हैं जो उन्हें भीड़ से अलग बनाते हैं। आइए जानते हैं क्यों अक्षय तृतीया पर जन्मा बच्चा होता है खास और उसके जीवन में कौन-से शुभ संकेत छिपे होते हैं:

करिश्माई व्यक्तित्व और प्रभावशाली संवादशैली
अक्षय तृतीया पर जन्म लेने वाले बच्चे में बचपन से ही एक अलग तेज और आकर्षण देखा जाता है। वे जब बोलते हैं, तो लोग उन्हें ध्यान से सुनते हैं। उनमें एक विशेष आत्मविश्वास और सहज नेतृत्व क्षमता होती है। ऐसे बच्चे बड़े होकर समाज में किसी भी क्षेत्र में अपने विचारों और व्यक्तित्व से गहरी छाप छोड़ते हैं।

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धार्मिक और आध्यात्मिक ऊर्जा से युक्त
चूंकि यह तिथि स्वयं में पवित्र और दिव्य मानी जाती है, इसलिए इस दिन जन्म लेने वाले बच्चे के जीवन में अध्यात्म की झलक भी पाई जाती है। वे धर्म, नैतिकता और परंपराओं के प्रति गहरे भाव रखते हैं। ऐसे बच्चे अपने कार्यों में ईमानदारी और निष्ठा से जुड़े रहते हैं, जिससे उन्हें समाज में विशेष सम्मान प्राप्त होता है।

अर्थ और समृद्धि का वरदान
अक्षय तृतीया पर जन्में बच्चों की कुंडली में वित्तीय स्थिति प्रबल होती है। वे स्वभाव से उद्यमी होते हैं और व्यवसाय या किसी स्वतंत्र पेशे में अद्भुत सफलता प्राप्त करते हैं। वे न केवल अपने लिए बल्कि समाज के लिए भी समृद्धि का स्रोत बनते हैं। ऐसा व्यक्ति अक्सर पारिवारिक जिम्मेदारियों को कुशलता से निभाते हुए परोपकारी कार्यों में भी रुचि रखता है।

विद्या और कला में निपुणता
अक्षय तृतीया का संबंध माँ सरस्वती से भी माना जाता है, इसलिए इस दिन जन्म लेने वाले बच्चों में बुद्धिमत्ता, अध्ययन के प्रति रुचि और कलात्मक प्रतिभा भी देखने को मिलती है। वे शिक्षा, संगीत, नाटक, लेखन या किसी अन्य रचनात्मक क्षेत्र में उच्च स्थान प्राप्त कर सकते हैं। उनकी प्रतिभा स्वाभाविक होती है, जिसे सही दिशा देने पर वे असाधारण उपलब्धियाँ प्राप्त करते हैं।

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सकारात्मक सोच और प्रेरणादायी जीवन
इस शुभ दिन का सीधा असर उनके दृष्टिकोण पर भी देखा जाता है। वे हमेशा सकारात्मक सोचते हैं और चुनौतियों को अवसर में बदलने की कला जानते हैं। उनका जीवन दूसरों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनता है। चाहे वे किसी भी क्षेत्र में कार्य करें – शिक्षा, व्यवसाय, प्रशासन या कला – वे दूसरों को भी आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।

स्वस्थ जीवन और दीर्घायु का योग
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अक्षय तृतीया के दिन जन्में शिशुओं के ग्रहों की स्थिति संतुलित होती है, जिससे उनके जीवन में स्वास्थ्य और दीर्घायु का योग बनता है। ऐसे व्यक्ति जीवनभर ऊर्जावान बने रहते हैं और बुज़ुर्गावस्था में भी सक्रियता बनाए रखते हैं।

पारिवारिक और सामाजिक समरसता
अक्षय तृतीया पर जन्म लेने वाले व्यक्ति सामाजिक रूप से लोकप्रिय होते हैं। वे परिवार, मित्र और समुदाय में सामंजस्य बनाए रखते हैं। उनके व्यवहार में विनम्रता और सहानुभूति होती है, जिससे लोग स्वाभाविक रूप से उनसे जुड़ाव महसूस करते हैं।

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