Edited By Prachi Sharma,Updated: 07 Aug, 2024 11:33 AM
सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में नटराज डांस म्यूजिक एवं जुम्बा फिटनेस इंस्टिट्यूट द्वारा चार दिवसीय कथक नृत्य कार्यशाला का आयोजन किया गया। ये नृत्य कार्यशाला 6 अगस्त से शुरू होकर 9 अगस्त तक
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सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में नटराज डांस म्यूजिक एवं जुम्बा फिटनेस इंस्टिट्यूट द्वारा चार दिवसीय कथक नृत्य कार्यशाला का आयोजन किया गया। ये नृत्य कार्यशाला 6 अगस्त से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी। जिसमें वृन्दावन से पधारे कथक नर्तक आशीष सिंह (नृत्य मंजरी दास) बच्चों को कथक नृत्य की तालीम प्रदान करेंगे। कार्यशाला आयोजित करने का उद्देश्य बच्चों को अपनी भारतीय शास्त्रीय नृत्य परंपरा से अवगत कराना है। आज के समय में जहां बच्चे पश्चिमी नृत्य की तरफ जा रहें, वही कथक नृत्य के प्रति भी उनका रूझान बढ़ रहा है।
आशीष कहते हैं की हमारी भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए बच्चों के माता-पिता के साथ-साथ सरकार और स्कूलों को भी आगे आना होगा। जिससे हमारे कथक नृत्य का विकास होगा और कलाकारों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। कार्यशाला में काफी बच्चों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। नीरज सिंह बिष्ट और हर्ष टम्टा ने आशीष सिंह जी का माल्यार्पण कर स्वागत किया।
अल्मोड़ा (उत्तराखंड) जो अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए विश्व प्रसिद्ध है, जहां हर तरफ (हरिहर) महादेव और भगवान विष्णु के अनेकों अनेक मंदिर हैं। उत्तराखंड की सुंदरता बाहर से आने वालों को आकर्षित करती है। जहां भारत में आधुनिक नृत्य के जन्म दाता और प्रसिद्ध भारतीय नर्तक, कोरियोग्राफर पंडीत उदय शंकर जी ने भी अपनी कर्मस्थली अल्मोड़ा को बनाया। उन्हें आज भी पारंपरिक भारतीय शास्त्रीय नृत्य में पश्चिमी रंगमंचीय तकनीकों को अपनाने के लिए जाना जाता है। इसी क्रम में अल्मोड़ा की संस्कृति को प्रोत्साहित और बचाने के उद्वेश्य से कथक नृत्य के युवा कलाकार आशीष सिंह नृत्य मंजरी दास जी को कथक नृत्य की तालीम प्रदान करने के लिए अल्मोड़ा आमंत्रित किया गया।