Edited By Niyati Bhandari,Updated: 11 Dec, 2024 12:33 PM
Amavasya 2024: पूर्णिमा और अमावस्या तिथि दोनों को हिंदू धर्म में विशेष महत्व प्राप्त है। इन दोनों दिनों में शास्त्र आज्ञा देते हैं की स्नान और दान करना चाहिए, जिससे पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। वैसे तो हर अमावस्या का अपना खास महत्व है लेकिन
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Amavasya 2024: पूर्णिमा और अमावस्या तिथि दोनों को हिंदू धर्म में विशेष महत्व प्राप्त है। इन दोनों दिनों में शास्त्र आज्ञा देते हैं की स्नान और दान करना चाहिए, जिससे पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। वैसे तो हर अमावस्या का अपना खास महत्व है लेकिन सोमवती अमावस्या विशिष्ट स्थान रखती है। इस साल पौष माह की अमावस्या सोमवार के दिन पड़ रही है इसलिए यह सोमवती अमावस्या कहलाएगी। इस खास तिथि पर भोले बाबा की पूजा का खास महत्व रहता है। पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वजों का आशीष मिलता है और काफी हद तक पितृ दोष से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं, साल 2024 के पौष माह की आखिरी अमावस्या कि पूरी जानकारी-
Last Paush Amavasya 2024 date of the year 2024 वर्ष 2024 की आखिरी पौष अमावस्या 2024 डेट
सनातन पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का आरंभ 30 दिसंबर की सुबह 4:1 पर होगा और समापन 31 दिसंबर को सुबह 3:56 पर होगा। उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए पौष अमावस्या, जो सोमवार को पड़ने के कारण सोमवती अमावस्या कहलाएगी 30 दिसंबर 2024 को मनाई जाएगी।
Somvati Paush Amavasya auspicious time for bathing and donation सोमवती पौष अमावस्या स्नान-दान शुभ मुहूर्त
सोमवती पौष अमावस्या पर स्नान-दान करने का शुभ मुहूर्त, ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:24 से सुबह 6:19 तक रहेगा। अमावस्या तिथि पर स्नान-दान करने के लिए यह मुहूर्त सबसे उत्तम है। इसके अतिरिक्त 2 मुहूर्त और भी हैं, जिनमें स्नान-दान किया जा सकता है।
अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:3 से दोपहर 12:45 तक रहेगा। वृद्धि योग सुबह से लेकर रात 8:32 तक रहेगा।
Importance of Somvati Amavasya सोमवती अमावस्या का महत्व: सोमवती अमावस्या हिन्दू कैलेंडर के अनुसार एक विशेष अमावस्या तिथि है, जो अमावस्या के दिन सोमवार को पड़ती है। यह तिथि खास रूप से धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती है। सोमवती अमावस्या का व्रत विशेष रूप से हिंदू धर्म में पवित्र और फलदायक माना जाता है। इस दिन व्रत करने और पुण्य कर्मों में संलग्न होने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से इस दिन नदी में स्नान और पितरों को तर्पण करने का महत्व है। यह तिथि पितरों को शांति देने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उपयुक्त मानी जाती है। सोमवती अमावस्या पर कई लोग व्रत रखते हैं और विधिपूर्वक पूजा करते हैं, जिससे उनके जीवन में नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और वे आध्यात्मिक उन्नति की ओर बढ़ते हैं।