Edited By Niyati Bhandari,Updated: 08 Mar, 2024 08:28 AM
रविवार, 10 मार्च को फाल्गुण अमावस्या है। पुराणों के अनुसार, फाल्गुण में आने वाली ये अमावस्या भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। जिस तरह सूर्य देव प्रकाशित होकर प्रभात का आगाज करते हैं, उसी तरह चन्द्रदेव रात में अपनी चांदनी चारों ओर फैलाते हैं।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Falgun Amavasya 2024: रविवार, 10 मार्च को फाल्गुण अमावस्या है। पुराणों के अनुसार, फाल्गुण में आने वाली ये अमावस्या भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। जिस तरह सूर्य देव प्रकाशित होकर प्रभात का आगाज करते हैं, उसी तरह चन्द्रदेव रात में अपनी चांदनी चारों ओर फैलाते हैं। अमावस्या की रात में चंद्र देव के दर्शन नहीं होते इसलिए नकारात्मकता सकारात्मकता पर हावी रहती है। इस काली रात में कुछ शुभ कर्म कर लेने से ऊपरी शक्तियां घर-परिवार पर अपनी प्रभाव नहीं डाल पाती और बदल सकती है आपकी तकदीर। प्राचीन परंपराओं के अनुसार, अमावस्या की रात घर के कुछ खास स्थानों पर दीपक जलाने से मिलते हैं ढेरों लाभ। सर्वप्रथम अपने इष्ट देव को याद करते हुए सूर्यास्त के वक्त दीपक लगाने से घर में लक्ष्मी का स्थाई वास होता है।
घर के मंदिर में रात को दीपक लगाने से दैवीय शक्तियां मेहरबान रहती हैं।
सूर्यास्त के बाद घर में लगे तुलसी के पौधे पर दीपक लगाने से सकारात्मक शक्तियां और देवी-देवता आकर्षित होकर वहीं अपना बसेरा स्थापित कर लेते हैं।
मेन गेट के दोनों तरफ दीपक लगाएं, ऊपरी शक्तियां चाह कर भी घर में प्रवेश नहीं कर पाएंगी।
घर की छत पर दीपक लगाने से चारों ओर रोशनी का आगाज होगा। जिससे अमावस्या की काली रात भी पूर्णिमा जैसी प्रतित होगी। कोई भी बुरा साया अपना वर्चस्व स्थापित करने में नाकाम रहेगा।
घर के आस-पास जहां भी पीपल का पेड़ हो, वहां जाकर दीपक लगाएं। शनि देव प्रसन्न होंगे।
अमावस्या को काले धागे में 8 गांठ लगाकर गले में पहनने से परेशानियों से राहत मिलती है।
संकटों से रक्षा के लिए शिवलिंग पर बर्फी, केला और काले तिल अर्पित करने के बाद बेलपत्र की माला चढ़ाएं।