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Amboli: मानसून में झरनों के स्वर्ग अम्बोली के आसपास हैं लगभग 108 शिव मंदिर

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 03 Jun, 2024 04:07 PM

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देश के कई हिस्सों में मानसून का आगमन हो चुका है लेकिन अभी भी कई जगहें ऐसी हैं जहां मानसून का आना बाकी है और लोग बेसब्री से उसका इंतजार कर रहे हैं। गर्म

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Amboli: देश के कई हिस्सों में मानसून का आगमन हो चुका है लेकिन अभी भी कई जगहें ऐसी हैं जहां मानसून का आना बाकी है और लोग बेसब्री से उसका इंतजार कर रहे हैं। गर्म मौसम या गर्म जगहों पर रहने वाले लोगों को मानसून की बारिश का कुछ खास इंतजार रहता है। शहरों की चिलचिलाती गर्मी से बचने के लिए हर कोई किसी ऐसी जगह की तलाश में रहता है जहां सुहावना मौसम हो। ऐसी कई जगहें हैं जहां आप मानसून की बारिश का मजा ले सकते हैं इनमें से एक है अम्बोली।

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महाराष्ट्र में समुद्र तल से लगभग 700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अम्बोली एक छोटा मगर आकर्षक हिल स्टेशन है। यह प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सहयाद्रि पर्वतमाला में बना है जो सिंधु दुर्ग जिले में है। स्थानीय लोगों ने अंग्रेजों से पहले ही इस खूबसूरत स्थल की खोज कर ली थी लेकिन ब्रिटिश राजनीतिक एजैंट कर्नल वेस्टोप ने अम्बोली को एक पर्वतीय स्थान के रूप में विकसित किया।
ब्रिटिश शासन के दौरान अम्बोली का उपयोग एक ऊंची पोस्ट के रूप में होता था जहां से मध्य व दक्षिण भारत में सैनिकों के लिए चौकियां बनाई जाती थीं। 1880 में अम्बोली को एक हिल स्टेशन घोषित कर दिया गया।

मानसून में महाराष्ट्र का सबसे अधिक बारिश वाला स्थान होने के कारण अंग्रेजों ने पश्चिमी घाट में ही स्थित माथेरान को गर्मियों में अपना पसंदीदा स्थल बना लिया। परिणामस्वरूप एक लम्बे समय तक महाराष्ट्र के नक्शे पर अम्बोली एक महत्वपूर्ण स्थान बना रहा।

क्या है खास
अम्बोली को ‘झरनों का स्वर्ग’ भी कहते हैं। एक छोटा हिल स्टेशन होने के बावजूद अम्बोली में कई दर्शनीय स्थल हैं। साथ ही रोमांटिक स्थल भी हैं। सी व्यू प्वाइंट, कावेलसद प्वाइंट, परीक्षित प्वाइंट और महादेव प्वाइंट जैसी इन सभी जगहों से अरब सागर और कोंकण तट के संगम के मनोरम दृश्य देखे जा सकते हैं।

प्रमुख झरने
यहां पाए जाने वाले अनेक झरनों में श्रीगांवकर झरना, महादेव झरना आदि पर्यटकों को बेहद पसंद आते हैं। ये झरने पिकनिक और आराम के लिए बेहतरीन जगह हैं। अम्बोली झरना भी खास है। मानसून के दौरान इस झरने का पानी और सौंदर्य दोनों ही बढ़ जाते हैं। हरियाली से घिरे इस झरने का आनंद अंबोली आए सभी पर्यटक जरूर लेते हैं। यह प्रमुख बस स्टैंड से 3 किलोमीटर की दूरी पर है। अंबोली गांव से 10 किलोमीटर दूर स्थित नानगरता झरना 40 फुट गहरा है और इस संकरे झरने का पानी जब गिरता है तो बहुत आवाज होती है। मॉनसून के दौरान झरने का पानी भी बढ़ जाता है और सौंदर्य भी। इस पूरे खूबसूरत झरने को देखने का आनंद आप पास ही के पुल से ले सकते हैं।

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महादेवगढ़
अंबोली बस स्टैंड से 2 से 2.5 किलोमीटर दूर स्थित महादेवगढ़ बहुत ही खूबसूरत प्वाइंट है जहां से आस-पास की घाटियों, पर्वत श्रृंख्लाओं और अरब सागर का खूबसूरत नजारा दिखाई देता है। अगर आप अकेले या कम लोगों के साथ यहां आ रहे हैं तो स्थानीय लोगों की मदद ले सकते हैं क्योंकि यहां की सड़कें ठीक नहीं हैं और यहां पर बहुत कम साइन बोर्ड लगे हैं।

सनसैट प्वाइंट
अन्य हिल स्टेशनों की तरह अंबोली में भी सबसे उंचा प्वाइंट है जहां से मन को मोह लेने वाला सनसैट यानी सूर्यास्त का नजारा दिखाई देता है। यहां हर एक सनसैट कुछ अलग और अनोखा होता है। यह प्वाइंट प्रमुख बस स्टैंड से कुछ किलोमीटर दूर है।

हिरण्यकेश्वर मंदिर
अंबोली गांव के पास गहरी गुफाएं भी हैं जो हिरण्यकेषी नदी तक जाती हैं। हिरण्यकेषी झरने की गुफाओं के मुख के पास एक पुरातन शिव मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर स्वयं शिवजी ने बनाया था। हिरण्यकेषी मंदिर को यह नाम पार्वती से मिला जो उन्हीं का एक नाम है। मंदिर के आसपास की गुफाओं को पार करना कठिन है। अगर आप इन गुफाओं को देखना चाहते हैं तो किसी स्थानीय व्यक्ति की मदद जरूर लें। यह जगह अंबोली बस स्टैंड से 5 किलोमटीर दूर है।

ट्रैकिंग और एडवेंचर
इतिहासकारों की मानें तो अंबोली के आसपास लगभग 108 शिव मंदिर स्थित हैं जिनमें से बस कुछ ही मंदिरों का अब तक पता चल पाया है। अगर आप भी अंबोली के रहस्यों को जानना चाहते हैं तो यहां आ सकते हैं। अंबोली बस स्टैंड से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर भगवान राम, हनुमान जी और भगवान गणेश का मंदिर है। इस मंदिर के परिसर में इस क्षेत्र के संत का स्मारक भी बना हुआ है।

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कुछ ट्रैक और ट्रेल्स भी हैं जहां आप ट्रैकिंग का आनंद ले सकते हैं। इस खूबसूरत गांव में घूमकर आप हरियाली को देखकर अपने मन को तरोताजा कर सकते हैं। यहां पर एक छोटी-सी सैर भी आपके लिए यादगार बन जाएगी।

कब जाएं
चूंकि अम्बोली एक हिल स्टेशन है इसलिए यहां किसी भी मौसम में जाया जा सकता है। अधिक ऊंचाई पर होने से गर्मियों में यहां का मौसम ठंडा और सुकूनदायक लगता है। मानसून में यहां की हरी-भरी वादियां और झरने अद्भुत लगते हैं। सर्दियों में भी यहां आना सुखद प्रतीत होता है।

कैसे जाएं
सावंतवाड़ी और गोवा के पास होने से वायु, रेल व सड़क द्वारा आप आसानी से अम्बोली पहुंच सकते हैं। वायुमार्ग से आने के लिए लगभग 70 कि.मी. की दूरी पर स्थित गोवा का घरेलू हवाई अड्डा सबसे समीप है।

 

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