Edited By Niyati Bhandari,Updated: 07 Nov, 2024 01:28 PM
Amla Navami Vrat and Puja: कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला (आंवला) नवमी (आंवला वृक्ष की पूजा परिक्रमा), आरोग्य नवमी, अक्षय नवमी, कुष्मांड नवमी के नाम से जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह पर्व आज यानी 10 नवंबर, रविवार को है।...
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Amla Navami Vrat and Puja: कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला (आंवला) नवमी (आंवला वृक्ष की पूजा परिक्रमा), आरोग्य नवमी, अक्षय नवमी, कुष्मांड नवमी के नाम से जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह पर्व आज यानी 10 नवंबर, रविवार को है। पुराणों के अनुसार अक्षय नवमी पर जो भी पुण्य किया जाता है उसका फल कई जन्मों तक समाप्त नहीं होता। इस दिन दान, पूजा, भक्ति, सेवा जहां तक संभव हो व अपनी सामर्थ्य अनुसार अवश्य करें। उसी तरह यदि आप शास्त्रों के विरुद्ध कोई काम करते हैं तो उसका पाप भी कई जन्मों तक किसी न किसी रूप में भुगतना पड़ता है। ध्यान रखें, ऐसा कोई काम न करें, जिससे आपकी वजह से किसी को दुख पहुंचे।
Rituals during Akshaya Navami: आंवला नवमी के दिन सुबह नहाने के पानी में आंवले का रस मिलाकर नहाएं। ऐसा करने से आपके ईर्द-गिर्द जितनी भी नेगेटिव ऊर्जा होगी वह समाप्त हो जाएगी। सकारात्मकता और पवित्रता में बढ़ौतरी होगी। फिर आंवले के पेड़ और देवी लक्ष्मी का पूजन करें। इस तरह मिलेंगे पुण्य, कटेंगे पाप।
How is Akshaya Navami performed: अक्षय नवमी के अवसर पर आंवले के पेड़ की पूजा करने का विधान है। कहते हैं इस दिन भगवान विष्णु एवं शिव जी यहां आकर निवास करते हैं। आज के दिन स्नान, पूजन, तर्पण तथा अन्नदान करने का बहुत महत्व होता है।
Amla Navami Importance: आंवले के पेड़ के नीचे झाड़ू से साफ-सफाई करें। फिर दूध, फूल एवं धूप से पूजन करें। इसकी छाया में पहले ब्राह्मणों को भोजन करवाएं फिर स्वयं करें।
Amla akshaya navami 2024: पुराणों के अनुसार भोजन करते वक्त थाली में आंवले का पत्ता गिर जाए तो आपके भविष्य के लिए यह मंगलसूचना का संकेत है। मान्यता के अनुसार आने वाला साल सेहत के लिए तंदरूस्ती भरा होगा। आंवले के पेड़ के नीचे भोजन करने की प्रथा का आरंभ देवी लक्ष्मी ने किया था।
Amla navami fast: आंवले की पूजा अथवा उसके नीचे बैठकर भोजन खाना संभव न हो तो आंवला जरूर खाएं।
Amla navami: चरक संहिता में बताया गया है अक्षय नवमी को महर्षि च्यवन ने आंवला खाया था, जिस से उन्हें पुन: जवानी अर्थात नवयौवन प्राप्त हुआ था। आप भी आज के दिन यह उपाय करके नवयौवन प्राप्त कर सकते हैं। शास्त्र कहते हैं आंवले का रस हर रोज पीने से पुण्यों में बढ़ोतरी होती है और पाप नष्ट होते हैं।
विशेष: आंवले खाने के 2 घंटे बाद तक दूध नहीं पीना चाहिए।