Edited By Jyoti,Updated: 13 Dec, 2019 02:38 PM
हमारे देश में ऐसे कई मंदिर हैं जो प्राचीन व अधिक प्रसिद्ध है। इन्हीं मंदिरों में से कुछ ऐसे भी मंदिर हैं जिनसे जुड़ी मान्यताएं उन्हें अन्य मंदिरों से खास बनाती हैं।
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हमारे देश में ऐसे कई मंदिर हैं जो प्राचीन व अधिक प्रसिद्ध है। इन्हीं मंदिरों में से कुछ ऐसे भी मंदिर हैं जिनसे जुड़ी मान्यताएं उन्हें अन्य मंदिरों से खास बनाती हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में कहा जाता है कि लगभग 400 सालों से एक ही परिवार इस मंदिर की जिम्मेवारी उठाए हुए हैं। हम बात कर रहे हैं अन्नपूर्णेश्वरी मंदिर की जिसका निर्माण 8 वीं शताब्दी में हुआ था। कर्नाटक राज्य के चिकमंगलूर जिले में भद्रा नदी के तट पर होरनाडु गांव में हरे-भरे प्राकृतिक वातावरण के मध्य स्थित अन्न की देवी का अन्नपूर्णेश्वरी मंदिर स्थित है, जहां अन्नपूर्णा जयंती के पर्व पर अधिक धूम रहती है। बताया जाता है इनके अलावा इस मंदिर में महागणपति, अंजनेय स्वामी और नवग्रह की भी पूजा होती है।
मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथाओं की मानें तो यहां यानि इस मंदिर में महर्षि अगस्त्य ने देवी आदिशक्ति श्री अन्नपूर्णेश्वरी की स्थापना की थी। जिसके बाद 8 वीं शताब्दी में वास्तु और ज्योतिष शास्त्र के अनुरूप इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया गया।
कहा जाता है यहां खड़ी हुई मुद्रा देवी मां की प्रतिमा हैं जिन्होंने हाथों में शंख, चक्र और श्रीचक्र धारण किए हुए विराजमान हैं। बताया जाता है मंदिर की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यहां भक्तों को सुबह, दोपहर और रात को भोजन कराया जाता है तथा मंदिर परिसर मे आने वाले भक्तों को सोने के लिए स्थान भी उपलब्ध कराए जाते हैं। प्रचलित मान्यताओं के अनुसार यह मंदिर कर्नाटक के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। यहां के लोगों द्वारा बताया गया है कि अन्नपूर्णेश्वरी मंदिर में 400 वर्ष पूर्व धर्मकर्थारू (पुजारी) की प्रथा चलन में आई, जिसके बाद से यह जिम्मेदारी एक ही परिवार निभाता आ रहा है।
बता दें इस मंदिर को श्री क्षेत्र होरनाडू के नाम से भी जाना जाता है। लोगों का मानना है कि मंदिर में चमत्कारी शक्तियां हैं, अगर सच्चे मन से यहां प्रार्थना की जाए है, तो भक्त अपने पूरे जीवन कभी भूखा नहीं रहता कहने का भाव है कि उसके घर में कभी धन का अभाव नहीं होता।
यहां मंदिर के गोपुरम में हिंदू देवताओं की कई मूर्तियों को सजाया गया है। मंडपम मुख्य मंदिर प्रवेश द्वार के बाईं ओर स्थित है। मंदिर की छतों पर आप सुंदर नक्काशी देख सकते हैं। दीवारों पर उकेरी गई बारीक नक्काशी और मूर्तियां देखने लायक हैं। खासतौर पर इस मंदिर में अन्नपूर्णा जंयती के मौके पर भक्तों का तांता लगा रहता है।