Edited By Niyati Bhandari,Updated: 15 Dec, 2024 06:31 AM
Annapurna Jayanti 2024: अन्नपूर्णा जयंती भारतीय हिंदू संस्कृति में एक महत्वपूर्ण पर्व है। अन्नपूर्णा देवी को अन्न (भोजन) और समृद्धि की देवी माना जाता है। इस दिन देवी अन्नपूर्णा की पूजा की जाती है, ताकि व्यक्ति को संतुष्टि, समृद्धि और पोषण प्राप्त हो।
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Annapurna Jayanti 2024: अन्नपूर्णा जयंती भारतीय हिंदू संस्कृति में एक महत्वपूर्ण पर्व है। अन्नपूर्णा देवी को अन्न (भोजन) और समृद्धि की देवी माना जाता है। इस दिन देवी अन्नपूर्णा की पूजा की जाती है, ताकि व्यक्ति को संतुष्टि, समृद्धि और पोषण प्राप्त हो। अन्नपूर्णा जयंती 15 दिसंबर मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा को मनाई जाती है। यह दिन विशेष रूप से अन्न और खाद्य पदार्थों से संबंधित पूजा का दिन होता है, जब देवी अन्नपूर्णा के आशीर्वाद से घर में खुशहाली और समृद्धि की कामना की जाती है।
अन्नपूर्णा जयंती न केवल अन्न और भोजन के महत्व को स्वीकारने का दिन है, बल्कि यह भी याद दिलाता है कि हमें अपने संसाधनों की सही तरह से कद्र करनी चाहिए और जीवन में संतोष बनाए रखना चाहिए। यह पर्व हमें जीवन के मौलिक आवश्यकता भोजन की महत्वपूर्णता और देवी अन्नपूर्णा के आशीर्वाद से खुशहाली की दिशा में कदम बढ़ाने की प्रेरणा देता है।
Rituals of Annapurna Jayanti अन्नपूर्णा जयंती के रीति-रिवाज:
कृषकों की पूजा: अन्नपूर्णा जयंती के दिन किसानों द्वारा अपनी फसलों की पूजा की जाती है और वे देवी अन्नपूर्णा से अच्छे मौसम और समृद्ध फसल की प्रार्थना करते हैं।
रसोई की सफाई: इस दिन रसोई घर को स्वच्छ और पवित्र रखा जाता है क्योंकि रसोई को देवी अन्नपूर्णा का स्थान माना जाता है। रसोई को गंगाजल से शुद्ध करें।
मां अन्नपूर्णा का भोग: मां अन्नपूर्णा को वैसे तो 56 भोग लगाना चाहिए, संभव न हो तो फल, मिष्ठान, रायता, चावल, हलवा, पूड़ी और सब्जी का भोग लगाएं।
चूल्हे की पूजा: चूल्हे की पूजा करें और उस पर कुमकुम, चावल और फूल चढ़ाएं। धूप और दीपक जलाकर मां अन्नपूर्णा से अन्न और धन में वृद्धि की कामना करें। चूल्हे पर जो पहली रोटी बने, उसे गाय को खिलाएं। दूसरी रोटी कुत्ते को और तीसरी रोटी कौए को खिलाएं। फिर घर के लोगों में प्रसाद बांटें।
दान: जितनी आपकी सामर्थ्य हो उस हिसाब से अन्न का दान अवश्य करें।