Edited By Prachi Sharma,Updated: 19 Jun, 2024 03:13 PM
हिंदू धर्म में हर माह को बेहद ही खास माना जाता है। ऐसा ही एक महीना है आषाढ़ का महीना जो कि 23 जुलाई से शुरू हो रहा है। हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक ये साल का चौथा महीना है। ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा पर ज्येष्ठ माह का
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Ashadh Month 2024: हिंदू धर्म में हर माह को बेहद ही खास माना जाता है। ऐसा ही एक महीना है आषाढ़ का महीना जो कि 23 जुलाई से शुरू हो रहा है। हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक ये साल का चौथा महीना है। ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा पर ज्येष्ठ माह का समापन हो जाता है और आषाढ़ माह की शुरुआत हो जाती है। इसी के साथ आपको बता दें कि वैसे तो हर माह में दो पक्ष होते होते हैं एक कृष्ण और एक शुक्ल। ये दोनों ही 15 दिन के होते हैं लेकिन इस माह आपको इसमें कुछ बदलाव देखने को मिलेगा। बता दें कि आषाढ़ महीने का कृष्ण पक्ष इस बार 15 का नहीं बल्कि 13 दिनों का होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब ऐसा होता है तो इसे दुर्योग काल के नाम से जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार ऐसा ही समय तब आया था जब महाभारत का युद्ध हुआ था। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से-
Ashadh month आषाढ़ माह
आषाढ़ माह की शुरुआत 23 जून से होगी और समापन 21 जुलाई 2024 को होगा।
Coincidence like Mahabharata period after 100 years 100 साल बाद महाभारत काल जैसा संयोग
ज्योतिष गणना के अनुसार इस बार का आषाढ़ माह बेहद ही अलग होने वाला है। इस बार एक ऐसा संयोग बनने जा रहा है जो द्वापर युग के महाभारत काल में बना था और इसे शुभ नहीं माना जाता है। इस संयोग की वजह से ही उस समय प्रजा को , रोग संक्रमण, महंगाई, प्राकृतिक आपदा, लड़ाई-झगड़े जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ा था।
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The 13 days of Ashadh Krishna Paksha are very inauspicious आषाढ़ कृष्ण पक्ष के 13 दिन है बहुत अशुभ
बता दें कि इस बार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष में सिर्फ 13 ही दिन रहेंगे और इसे विश्व घस्र पक्ष के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन दिनों को शुभ नहीं माना जाता है। यह पक्ष 23 जून से शुरू होगा और 5 जुलाई को इसका समापन हो जाएगा। इस वजह से इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं होंगे जैसे कि विवाह-शादी, मुंडन, नामकरण संस्कार आदि।
इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है जिस वजह से प्राकृतिक आपदाएं बढ़ने की भी आशंका बढ़ जाती है। विश्वघस्र पक्ष साल में दो बार आता है। जिस वजह से महंगाई जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
The Mahabharata war took place during this time इसी दौरान हुआ था महाभारत का युद्ध
इसे महाभारत समय का संयोग इसी वजह से कहा जाता है क्योंकि इस दौरान ही महाभारत का युद्ध हुआ था। इस समय पांडवों ने सत्य का साथ दिया और विजय पाई।