Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 Jun, 2023 07:41 AM
हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष कृष्ण पक्ष की अमवस्या को आषाढ़ अमावस्या मनाई जाती है। आषाढ़ माह की अमावस्या को हल हारिणी
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Ashadha Amavasya: हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष कृष्ण पक्ष की अमवस्या को आषाढ़ अमावस्या मनाई जाती है। आषाढ़ माह की अमावस्या को हल हारिणी अमावस्या और आषाढ़ी अमावस्या भी कहा जाता है। दान-धर्म और पितरों के तर्पण के लिए ये दिन बहुत ही खास होता है। घर की सुख-शांति और समृद्धि के लिए पीपल की पूजा और परिक्रमा करनी चाहिए। तुलसी पर जल चढ़ाकर दीपदान करना घर को हरबाधा से मुक्त करता है। उत्तम स्वास्थ्य के लिए सूर्यदेव को दूध के साथ जल अर्पित करें। शास्त्रों के अनुसार आषाढ़ अमावस्या के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद ही पितरों का तर्पण करना चाहिए। हो सके तो इस दिन उपवास रखें। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पितरों से आशीर्वाद मिलता है। साल 2023 की आषाढ़ अमावस्या 17 या 18 जून कब मनाई जाएगी ? इसे लेकर काफी कन्फ्यूजन चल रही है। आइए जानते हैं अमावस्या कब मनाई जाएगी ?
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Ashadh Amavasya auspicious time आषाढ़ अमावस्या शुभ मुहूर्त
हिंदू कैलेंडर के अनुसार अमावस्या 17 जून को सुबह 9:11 बजे शुरू होगी और 18 जून सुबह 10 बजे इसका समापन हो जाएगा। उदयातिथि के अनुसार 18 जून को अमावस्या मनाई जाएगी।
Snan-daan ka shubh muhurat स्नान-दान का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार स्नान-दान का शुभ मुहूर्त 18 जून को सुबह 7 बजे शुरू होगा और दोपहर को 12:37 बजे इसका समापन होगा। इस समय दान करने से दोगुना फल प्राप्त होगा।
Ashada Amavasya Significance आषाढ़ अमावस्या महत्व
आषाढ़ माह के खत्म होने के बाद वर्षा ऋतु की शुरुआत होती है। आषाढ़ अमावस्या पितरों की आत्मा की शांति के लिए विशेष रूप से बहुत जरुरी मानी जाती है। कहते हैं इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने से दोगुना और चौगुना फल मिलता है।