Ashadha Amavasya: आज है आषाढ़ मास की अमावस्या, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 05 Jul, 2024 07:29 AM

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आषाढ़ माह की शुरुआत 23 जून, 2024 से हो चुकी है। इस माह में भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। आषाढ़ माह में कई व्रत-त्योहार आते हैं, इसमें आषाढ़ अमावस्या का बहुत महत्व है। माना जाता है कि

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Ashadha Amavasya 2024: आषाढ़ माह की शुरुआत 23 जून, 2024 से हो चुकी है। इस माह में भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। आषाढ़ माह में कई व्रत-त्योहार आते हैं, इसमें आषाढ़ अमावस्या का बहुत महत्व है। माना जाता है कि इस माह में श्री हरि की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और सुख-समृद्धि बनी रहती है। पितरों को खुश करने के लिए भी यह माह बहुत खास माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, पितरों का तर्पण और दान किया जाता है। ऐसा करने से पितर खुश होकर अपना आशीर्वाद बनाएं रखते हैं। तो आइए जानते हैं कब है आषाढ़ माह की अमावस्या तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में-

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Ashadha Amavasya 2024 date and auspicious time आषाढ़ अमावस्या 2024 तिथि और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 5 जुलाई को सुबह 4 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 6 जुलाई को सुबह 4 बजकर 26 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार आषाढ़ अमावस्या का स्नान दान, तर्पण और पूजा 5 जुलाई के दिन किया जाएगा।

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Ashadha Amavasya Significance आषाढ़ अमावस्या 2024 महत्व
सनातन धर्म में आषाढ़ अमावस्या और दान-पुण्य को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन पितरों का तर्पण और दान करने से जीवन से हर परेशानी दूर हो जाती है। साथ ही पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

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Ashadha Amavasya Puja vidhi आषाढ़ अमावस्या पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठ कर घर की साफ- सफाई करें।
फिर किसी पवित्र नदी में स्नान करें, संभव न हो तो नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें।
इसके बाद सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करें और भगवान विष्णु की उपासना करें।
अब फूल, धूप, दीप और अगरबत्ती से भगवान विष्णु की पूजा करें।
फिर स्नान-ध्यान करने के बाद पितरों का तर्पण करें।
पूजा के दौरान विष्णु जी के मंत्रों का जाप और आरती करें।
अंत में अपनी क्षमता के अनुसार गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन करवाएं।

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