Edited By Niyati Bhandari,Updated: 24 Jul, 2021 08:06 AM
हिन्दू पंचांग के अनुसार हर साल आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि पर गुरु पूर्णिमा का त्यौहार मनाए जाने का विधान है। वैसे तो इस दिन गुरु पूजा का विशेष महत्व है लेकिन कुछ खास उपाय करने से
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Ashadha Purnima 2021: हिन्दू पंचांग के अनुसार हर साल आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि पर गुरु पूर्णिमा का त्यौहार मनाए जाने का विधान है। वैसे तो इस दिन गुरु पूजा का विशेष महत्व है लेकिन कुछ खास उपाय करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक ऊर्जा में बदला जा सकता है। जिससे वास्तु दोष भी दूर हो जाएंगे। फिर आप जिस कार्य में हाथ डालेंगे, आपको सफलता निश्चित रूप से मिलेगी। ये उपाय इस प्रकार हैं-
प्रात:काल के समय एक कंडे अथवा उपले पर थोड़ी अग्रि जलाकर उस पर थोड़ी गूगल रखें और ॐ नारायणाय नम: मंत्र का उच्चारण करते हुए तीन बार घी की कुछ बूंदें डालें। अब गूगल से जो धुआं उत्पन्न हो, उसे अपने घर के प्रत्येक कमरे में जाने दें। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म होगी और वास्तुदोषों का नाश होगा।
किसी भी पूर्णिमा, अमावस्या अथवा शनिवार के दिन नित्य कर्म स्नानादि से निवृत्त होकर शनि की होरा (सूर्योदय से एक घंटे तक) में एक साबुत पीपल का पत्ता तोड़कर ले आएं। जब आप घर से निकलें तब से लेकर पत्ते को लाने तक आप मौन ही रहें तथा मन में ॐ नमो नारायण मंत्र का जप करते रहें। फिर उस पत्ते को गंगाजल अथवा किसी तीर्थ स्थान के जल से धोकर अष्टगंध की स्याही से अपने हाथ की अनामिका उंगली से ही लिख लें। फिर धूप-दीप कर पत्ते को मोड़कर अपने पर्स या गल्ले में रख लें और प्रत्येक शनिवार को पुराने पत्ते की जगह पर नए पत्ते रखें। पुराने पत्ते को बहते जल में डाल दें। इस उपाय से भाग्योदय के साथ-साथ आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।
अगर नियमित रूप से घर की प्रथम रोटी गाय को तथा अंतिम रोटी कुत्ते को दें तो आपके भाग्य के द्वार खुल जाएंगे।
इमली की टहनी को काटकर घर या गल्ले या जेब में रखा जाए तो धन की वृद्धि होती है तथा घर में बरकत रहती है।
सायंकाल के समय घर के सदस्य सामूहिक आरती, भजन-कीर्तन करें। इससे भी वास्तुदोष दूर होते हैं।