शुभनाद संगीत विद्यालय में आशीष सिंह ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति से लोगों को किया मंत्र मुग्ध

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 17 Jun, 2024 10:45 AM

ashish singh

देवों की भूमि उत्तराखंड में ब्रह्मा विष्णु और महेश तीनों देव स्वयं विराजमान हैं। धन्य है ऐसी नगरी जहा संगीत, गायन, वादन और नृत्य भी मानो स्वयं भगवान हो गए हो। इसी क्रम में शुभनाद संगीत विद्यालय हल्द्वानी द्वारा नवांकुर

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देवों की भूमि उत्तराखंड में ब्रह्मा विष्णु और महेश तीनों देव स्वयं विराजमान हैं। धन्य है ऐसी नगरी जहा संगीत, गायन, वादन और नृत्य भी मानो स्वयं भगवान हो गए हो। इसी क्रम में शुभनाद संगीत विद्यालय हल्द्वानी द्वारा नवांकुर संगीत व नृत्य बैठक आयोजित की गई। जिसमें प्रथम प्रस्तुति संगीत विद्यालय की प्रतिभावान छात्रा पूजा पंत ने भजन से की। द्वितीय प्रस्तुति विद्यालय के संस्थापक पंकज आर्या ने की, उन्होंने गायन की शुरुआत राग बिहार से की उसके बाद ठुमरी लट उलझे सुलझा जा बालम से अपनी प्रस्तुति को विराम दिया। 

इसके बाद आज के अतिथि कलाकार आशीष सिंह (नृत्य मंजरी दास) ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति से लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया। उन्होंने अपनी नृत्य प्रस्तुति की शुरुआत कृष्ण वंदना भजे व्रजैक मण्डनम्, समस्त पाप खण्डनम से की तत्पश्चात भजन पद्म विभूषण पंडित बिरजू महाराज द्वारा रचित श्याम मूरत मन भाए से की। फिर तीनतल में शुद्ध कथक नृत्य की प्रस्तुती दी। थाट, आमद, उठान तोड़ा, टुकड़ा, तिहाई, परमेलू, परण, गतनिकास, और समापन ठुमरी "सब बन ठन आई श्याम प्यारी" से की। 

आपके साथ संगीत कलाकारों में तबले पर आनंद बिस्ट जी, गायन और हरमोनियम पर पंकज आर्या जी, सितार पर हर्षित कुमार और बोल पढंत पर जया पाठक ने साथ दिया। विद्यालय के संस्थापक पंकज आर्या जी ने कलाकारों को माल्यार्पण और वृक्ष प्रदान कर उनका स्वागत किया।

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