Edited By Prachi Sharma,Updated: 22 Dec, 2023 11:03 AM
भारत में बहुत से मंदिर है और हर मंदिर की अपनी ही एक पहचान है। बता दें कि दक्षिण भारत को मंदिरों का गढ़ कहा जाता है। यहां पर बहुत से देवी-देवताओं के मंदिर
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Ashtalakshmi Mandir: भारत में बहुत से मंदिर है और हर मंदिर की अपनी ही एक पहचान है। बता दें कि दक्षिण भारत को मंदिरों का गढ़ कहा जाता है। यहां पर बहुत से देवी-देवताओं के मंदिर है। इन्हीं में से एक है चेन्नई का अष्टलक्ष्मी मंदिर। यह मां लक्ष्मी के प्रमुख मंदिरों में एक माना जाता है। यह मंदिर चेन्नई में बंगाल की खाड़ी के भव्य तट पर बेसेंट समुद्र तट से कुछ मीटर की दूरी पर स्थित है। धन और ज्ञान की देवी अष्टलक्ष्मी यहां निवास करती हैं और मंदिर में आने वाले सभी लोगों को एक स्वच्छ आत्मा के साथ प्रार्थना करने का आशीर्वाद देती हैं। समुद्र की लहरों की ध्वनि निरंतर मंदिर परिसर में गूंजती है और तुरंत शांति की आभा पैदा करती है।
खासतौर पर दिवाली के दिन इस मंदिर में यात्रियों की भरमार देखने को मिलती है। इस मंदिर को लेकर यह मान्यता है कि यहां दर्शन करने से श्रद्धालुओं को धन, विद्या, शौर्य और सुख की प्राप्ति होती है।
Devi Maa Temple situated on the sea shore समुद्र किनारे बसा देवी मां मंदिर
बता दें कि मां लक्ष्मी का यह मंदिर बसंत नगर के समुद्र तट पर स्थित है। इस मंदिर में देवी की अलग-अलग प्रतिमाएं स्थापित हैं। समुद्र तट पर स्थित होने की वजह से इस मंदिर की खूबसूरती और भी बढ़ जाती है। समुद्र किनारे 4 तलों में बना ये मंदिर काफी भव्य व सुंदर है। इस मंदिर की सुंदरता आसानी से किसी भी व्यक्ति के मन को मोह लेती है। इस मंदिर के दूसरे तट पर देवी मां की पूजा करने का विधान है। वैवाहिक जीवन में सुख-शांति को बनाए रखने के लिए महिलाएं तेल से माता रानी की पूजा करके आरती करती हैं।
Om shaped temple ॐ आकार में बना मंदिर
इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि मंदिर में स्थापित प्रतिमाएं घड़ी की सुइयों की दिशा में आगे की ओर बढ़ने पर नजर आती है। ॐ आकार में बना यह मंदिर सुंदरता में और इजाफा करता है।
There is a tradition of offering lotus in the temple मंदिर में है कमल चढ़ाने की परंपरा
इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालु मां लक्ष्मी को कमल के फूल अर्पित करते हैं। वहीं इस मंदिर को श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती स्वामिगल की इच्छा से तैयार किया गया था। मंदिर के गर्भगृह के ऊपर 5.5 फीट ऊंचा गोल्ड प्लेटेड कलश भी स्थापित है।