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Kundli Tv- इस मंदिर से जुड़ी हैं कुछ अनोखी बातें, जानकर आप भी हो जाएंगे SURPRISED

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 08 Sep, 2018 12:03 PM

aundha nagnath maharashtra

औंधा नागनाथ बस्मत उपखंड में महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र स्थित हिंगोली जिले में है। औरंगाबाद से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित औंधा नागनाथ हिंदुओं के एक प्रमुख श्रद्धा स्थल के रूप में जाना जाता है।

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औंढा नागनाथ बस्मत उपखंड में महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र स्थित हिंगोली जिले में है। औरंगाबाद से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित औंढा नागनाथ हिंदुओं के एक प्रमुख श्रद्धा स्थल के रूप में जाना जाता है। यहां भगवान शिव लिंग रूप में मौजूद हैं। इन्हें शिवजी के 12 ज्योर्तिलिंगों में पहला माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अपने 14 साल के वनवास (वन यात्रा) के दौरान ज्येष्ठ पांडव युधिष्ठिर ने इस मंदिर का निर्माण कर इसे भगवान शिव को समर्पित किया था।
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महाराष्ट्र राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र के अंतर्गत हिंगोली जिले में स्थित एक छोटा-सा गांव है, औंढा नागनाथ। महाराष्ट्र में स्थित पांच ज्योर्तिलिंगों में से एक यही है। यह मंदिर लगभग 60,000 व. फुट के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस मंदिर के चारों ओर अनेक छोटे मंदिर हैं जो अन्य ज्योर्तिलिंगों को दर्शाते हैं। इस मंदिर की सबसे अनोखी बात यह है कि यहां नंदी की मूर्त मंदिर के आगे होने के बजाय पीछे है। हैरानी की बात है कि अन्य हिंदू मंदिरों से अलग यह मंदिर पश्चिम मुखी है।
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13वीं सदी में निर्मित औंढा नागनाथ मंदिर की वास्तुकला हेमादपंथी शैली की है। पथरीली दीवारों और छत पर हिंदू देवी-देवताओं की विभिन्न नक्काशियां हैं। मुख्य गर्भगृह एक संकरी गुफा के अंदर है। महर्षि वेद व्यास, भगवान गणेश, भगवान विष्णु, नीलकंठेश्वर, पांडवों, भगवान दत्तात्रेय और दशावतार की तरह अन्य देवताओं के लिए 12 छोटे मंदिर हैं। सैश कुंड और बहूकुंड नामक दो पानी के कुंड भी यहां हैं। मूल रूप में यह एक सात मंजिला इमारत थी लेकिन औरंगजेब के शासन के दौरान मुगल सेना के हमलों से इस मंदिर के ज्यादातर हिस्सों को नष्ट कर दिया गया था। श्रावण, महाशिवरात्रि और दशहरा यहां के प्रमुख त्यौहार हैं। माघ से फाल्गुन तक एक विशाल मेला मंदिर परिसर में आयोजित किया जाता है। 
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भगवान को चढ़ाया जाने वाला मुख्य प्रसाद पंचामृत है-जो दूध, शहद, घी, दही और चीनी से बनाया जाता है। ठंड का मौसम तथा जनवरी, फरवरी और मार्च का समय यहां की सैर के लिए उपयुक्त है लेकिन यदि आपको मानसून का मौसम अच्छा लगता है तो आप हल्की बौछारों का आनंद उठा सकते हैं। सर्दी में यहां ठंड का मौसम सामान्यता ठंडा होता है तथा यह अक्तूबर से दिसम्बर के बीच मौसम खुशनुमा तथा औंढा की सैर के लिए उपयुक्त होता है।

प्रमुख आकर्षण
नागनाथ ज्योर्तिलिंग: नागनाथ ज्योर्तिलिंग पूजा के लिए एक धार्मिक स्थान है और हिंदू धर्म में इसका बहुत अधिक महत्व है। नागनाथ मंदिर की नक्काशी बहुत ही सुंदर है।
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सचखंड हजूर साहिब गुरुद्वारा
हजूर साहिब गुरुद्वारा सिख धर्म के पांच सत्ता के सिंहासन में से एक का घर है। नांदेड़ में गोदावरी नदी के तट पर स्थित यह अच्छी तरह से सुरक्षित मंदिर सिख वास्तुकला और धार्मिक प्रथाओं की सर्वश्रेष्ठ विशेषता दर्शाता है।
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तुलजा भवानी मंदिर
महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले में स्थित है तुलजापुर। यह छत्रपति शिवाजी महाराज की कुलदेवी मां तुलजा भवानी का धाम है। तुलजा भवानी महाराष्ट्र के प्रमुख साढ़े तीन शक्तिपीठों में से एक है तथा भारत के प्रमुख 51 शक्तिपीठों में एक माना जाता है।
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ऐसे पहुंचें औंधा नागनाथ-
वायु मार्ग : 210 किलोमीटर की दूरी पर स्थित संभाजीनगर का हवाई अड्डा औंढा नागनाथ का निकटम घरेलू हवाई अड्डा है। 580 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मुम्बई स्थित छत्रपति शिवाजी हवाई अड्डा निकटतम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है।

रेल मार्ग : ट्रेन द्वारा औंढा नागनाथ तक पहुंचने के लिए निकटतम स्टेशन चोंडी है। यह कई प्रमुख शहरों से रेल मार्ग से सीधे से जुड़ा हुआ है। एक अन्य विकल्प हिंगोली स्टेशन है जो लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

सड़क मार्ग : यह जगह मुम्बई, नागपुर और संभाजीनगर जैसे शहरों से सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ी हुई है। औंढा और मुम्बई के बीच की दूरी लगभग 580 किलोमीटर है। यह संभाजीनगर से लगभग 200 किलोमीटर है तथा नागपुर से 360 किलोमीटर दूर है।
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