Edited By Niyati Bhandari,Updated: 31 Oct, 2024 08:21 AM
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि अयोध्या का परिवर्तन डबल इंजन सरकार द्वारा अपने वादे को पूरा करने का प्रमाण है तथा काशी और मथुरा में भी इसी तरह का परिवर्तन होना चाहिए।
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अयोध्या (एजैंसी) : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि अयोध्या का परिवर्तन डबल इंजन सरकार द्वारा अपने वादे को पूरा करने का प्रमाण है तथा काशी और मथुरा में भी इसी तरह का परिवर्तन होना चाहिए।
इस साल की शुरुआत में 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के बाद से आठवें दीपोत्सव में भाग लेते हुए आदित्यनाथ ने कहा, ‘यह एक पहला ऐतिहासिक अवसर है क्योंकि 500 वर्षों के बाद भगवान राम अब दिवाली के लिए अयोध्या में अपने निवास में हैं। यह तो बस शुरुआत है और इस शुरुआत को अपने तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचना है। इसलिए 2047 तक जब देश अपनी आजादी के 100 साल पूरे होने का जश्न मनाएगा, तो काशी और मथुरा को भी अयोध्या की तरह चमकना चाहिए।’
उन्होंने कहा,‘डबल इंजन सरकार ने अपना वादा (राम मंदिर का निर्माण) पूरा किया है और अब अयोध्या को खुद को साबित करने की बारी है। याद रखिए, मां सीता की यह अग्निपरीक्षा बार-बार नहीं होनी चाहिए। हमें इससे बाहर आना होगा अयोध्या के लोगों को एक बार फिर (इसके लिए) आगे आना होगा। यही कारण है कि हम आज इस भव्य समारोह के लिए यहां हैं।’
मुख्यमंत्री ने सरकार के विकास एजेंडे में बाधा बनने के लिए विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि माफियाओं की तरह इन बाधाओं को भी समाप्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या का परिवर्तन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सनातन धर्म की विरासत के विकास और उन्हें वैश्विक मंच पर ले जाने के दृष्टिकोण का हिस्सा था।
उन्होंने कहा, ‘इस साल 22 जनवरी को, 500 साल के इंतजार के बाद, भगवान राम लला एक बार फिर अपने जन्मस्थान पर विराजमान हुए, जिससे दुनिया को यह संदेश मिला कि किसी को भी अपने रास्ते से कभी नहीं भटकना चाहिए क्योंकि यह दृष्टिकोण निश्चित रूप से सफलता की ओर ले जाएगा।’
उन्होंने कहा कि यह उन सभी आत्माओं को याद करने का क्षण है जिन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था।
आदित्यनाथ ने कहा, ‘मैं इस अवसर पर उन सभी संतों को और अनगिनत शहीदों को नमन करता हूं- जिनकी संख्या लगभग 3,50,000 है - जिन्होंने इस दुनिया से जाते समय एक ही इच्छा के साथ अपने प्राणों की आहुति दी: चाहे जो भी कीमत चुकानी पड़े, अयोध्या की धरती पर भगवान राम का मंदिर बनना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि उनकी प्रतिज्ञा पूरी हुई है तथा अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण पूरा हो गया है।