Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Jan, 2025 02:37 PM
Ram Mandir Anniversary 2025: अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 1 वर्ष पहले अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में विराजमान हुए थे। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार पौष माह के शुक्ल पक्ष की...
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Ram Mandir Anniversary 2025: अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 1 वर्ष पहले अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में विराजमान हुए थे। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर 11 जनवरी को श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ मनाई जा चुकी है। रामलला प्रतिष्ठा दिवस भगवान श्रीराम के बाल स्वरूप "रामलला" की मूर्ति को विधिवत रूप से मंदिर में स्थापित करने का दिन है। यह विशेष अवसर हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक दिन है। इस रोज विशेष रूप से अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर से जुड़ा है। रामलला को भगवान राम के बालक रूप में पूजा जाता है और उनकी प्रतिष्ठा दिवस को अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है। इस दिन श्रद्धालु बड़े हर्षोल्लास के साथ रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा करते हैं। हालांकि यह घटना ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है, इसके कुछ गहरे आध्यात्मिक पहलू भी हैं:
प्राण-प्रतिष्ठा का महत्व: प्राचीन भारतीय परंपरा के अनुसार, मूर्ति में प्राण-प्रतिष्ठा का अर्थ है मूर्ति को जीवंत रूप देना। इसे वैदिक मंत्रों, अनुष्ठानों और विशेष पूजन के माध्यम से किया जाता है। यह प्रक्रिया दर्शाती है कि भगवान भक्तों के साथ सजीव रूप में उपस्थित हैं।
भक्ति और आस्था का केंद्र: रामलला प्रतिष्ठा दिवस भगवान राम के प्रति लोगों की भक्ति, श्रद्धा और आस्था को प्रकट करता है। यह दिन विशेष रूप से भजन-कीर्तन, रामायण पाठ और भगवान राम की महिमा का गुणगान करने का होता है।
सामाजिक और सांस्कृतिक पहलू: इस दिन हजारों भक्त मंदिर में आएंगे और यह आयोजन समाज को धर्म और संस्कृति के प्रति एकजुटता का संदेश देता है।
आधुनिक संदर्भ: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद रामलला प्रतिष्ठा दिवस केवल धार्मिक उत्सव नहीं है बल्कि भारतीय संस्कृति और गौरव का प्रतीक भी है।