Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 Jan, 2024 07:33 AM
“विद्यावान गुनी अति चातुर राम काज करिबे को आतुर प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया राम लखन सीता मन बसिया”
हनुमान चालीसा की इस चौपाई का अर्थ है- हे हनुमान ! आप प्रकान्ड विद्या के निधान है, गुणवान और
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“विद्यावान गुनी अति चातुर राम काज करिबे को आतुर प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया राम लखन सीता मन बसिया”
हनुमान चालीसा की इस चौपाई का अर्थ है- हे हनुमान ! आप प्रकान्ड विद्या के निधान है, गुणवान और अत्यंत कार्य में कुशल हैं, और आप श्री राम के काज करने के लिए हमेशा आतुर रहते हैं, हे पवनपुत्र ! आप श्री राम चरित सुनने में आनंद रस लेते हैं। श्री राम, सीता और लखन आपके हृदय में हमेशा बसे रहते हैं।
जहां राम जी वहां हनुमान जी ऐसा सिर्फ त्रेता युग में ही नहीं बल्कि कलयुग में भी देखने को मिला है। हाल ही में हुई ये घटना कुछ ऐसा ही बयां कह रही है। मानों बजरंगबली राम लला के दर्शनों के लिए आए हों...
आपको एक ऐसी ही घटना बताने जा रहे हैं, जो एक बार फिर त्रेता युग की घटना को चरितार्थ करती हुई नजर आई है। एक ऐसे बंदर की कहानी जो प्रभु श्रीराम को मिलने अयोध्या आया। दरअसल 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होने के बाद जब पुरी दुनिया राम लला के दर्शन के लिए आतुर थी। वहीं लाखों की इस भीड़ में प्रभु श्री राम के परम भक्त हनुमान भी दिखें।
तस्वीर में आप देख सकते हैं कैसे राम दुलारे लाखों की भीड़ में राम से मिलने को बेसब्र हो रहे हैं-
ऐसा लग रहा है मानों ये कह रहा हो कि “मुझको भेजा है रघुराया, सागर कूद यहां मैं आया, मैं हुं राम दास हनुमान”
इस घटना के बाद लोग भी कह उठे की श्री राम को मिलने हनुमान आएं हैं-
हैरान करने वाली बात तो ये है की बंदर बिना किसी को नुकसान पंहुचाए, बड़े की शांत स्वभाव से दर्शन करने के बाद मंदिर से प्रस्थान कर गया। ये घटना लोगों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है।