Edited By Niyati Bhandari,Updated: 12 May, 2020 06:43 AM
ज्येष्ठ महीना ऐसे समय में आता है, जब लू भरी गर्म हवाएं चल रही होती हैं और सूर्य देव अपना प्रचंड रूप दिखा रहे होते हैं। पानी का तेजी से वाष्पीकरण होने के कारण नदियां, तालाब और प्राकृतिक जल स्रोत
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ज्येष्ठ महीना ऐसे समय में आता है, जब लू भरी गर्म हवाएं चल रही होती हैं और सूर्य देव अपना प्रचंड रूप दिखा रहे होते हैं। पानी का तेजी से वाष्पीकरण होने के कारण नदियां, तालाब और प्राकृतिक जल स्रोत सूखने लगते हैं। हमारे ऋषि-मुनियों ने इस महीने में जल के संरक्षण पर विशेष महत्व दिया था और गंगा दशहरा व निर्जला एकादशी जैसे व्रत रखने का महात्म्य बताकर प्रकृति में जल को बचाने का संदेश भी दिया था। हिंदू धर्म में तो ज्येष्ठ के महीने में पानी पिलाने का विशेष महत्व बताया ही गया है, सिख धर्म में भी इन दिनों जगह-जगह छबीले लगाई जाती हैं।
वैसे तो मंगलवार का दिन हनुमान जी का दिन ही माना जाता है लेकिन बड़ा मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा-अर्चना का विशेष फल मिलता है। मान्यता है कि बजरंगबली जी की विधिवत पूजा अर्चना करने से दुख दरिद्रता का नाश होने के साथ-साथ जीवन में धन की भी कोई कमी नहीं रहती।
बजरंगबली को प्रसन्न करने और उनकी कृपा हासिल करने के लिए मीठे पूएं चढ़ाएं। गुड़ के बने सात पूएं चढ़ाने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
जिन व्यक्तियों की कुंडली में मंगल ग्रह कमजोर है, उन्हें बड़ा मंगलवार को लाल मसूर की दाल और लाल रंग का कोई फल दान करना चाहिए।
शनि की महादशा, ढइया या साढ़सती की परेशानी को दूर करने के अलावा मांगलिक दोष से पीड़ित जातकों के लिए भी बड़ा मंगलवार का व्रत बहुत कारगर माना जाता है।
श्रद्धा पूर्वक हनुमान जी की प्रतिमा के सामने ज्योति जलाकर हनुमान चालीसा सुंदरकांड का पाठ करने से विशेष फल मिलता है।
पुत्र प्राप्ति व मंगल कामना के लिए भी बड़ा मंगलवार को हनुमान जी का व्रत रखना बहुत ही शुभ माना जाता है।