Edited By Jyoti,Updated: 31 Dec, 2018 04:02 PM
भारत देश में ऐसी बहुत सी ऐतिहासिक और प्रसिद्ध गुफाएं हैं, जिनका रहस्य आज तक कोई सुलझा नहीं पाए। आज हम आपको ऐसी ही एक गुफा के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने अंदर कितने रहस्य और सुंदरता को समेटे हुए हैं।
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भारत देश में ऐसी बहुत सी ऐतिहासिक और प्रसिद्ध गुफाएं हैं, जिनका रहस्य आज तक कोई सुलझा नहीं पाए। आज हम आपको ऐसी ही एक गुफा के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने अंदर कितने रहस्य और सुंदरता को समेटे हुए हैं। इस गुफा के बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते हैं कि ये गुफा कहां और कब स्थित हुई। तो चलिए जानते हैं इस प्राचीन और रहस्यमयी गुफा के बारे में-
बता दें कि ये गुफा कर्नाटक राज्य के बागलकोट जिले में बादामी नामक शहर में है, जिसे बादामी गुफा के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि ये गुफा भारत के सबसे पुरानी गुफाओं में से एक है, जिसका निर्माण 6वीं सदी में चालुक्य वंश द्वारा किया गया था। कहा जाता है यहां की सभी गुफाएं नगारा और द्रविड़ शैली में बनवाई गई थी। यही कारण है कि गुफाएं देखने में बहुत ही सुंदर दिखती हैं। बल्कि कहा जाता है कि ये गुफाएं अपनी सुंदर नक्काशियों के लिए ही देशभर में जानी जाती हैं। यहां की सभी गुफाएं नगारा और द्रविड़ शैली में बनवाई गई थी। इस शैली में बनाने के कारण यहा की सभी गुफाये बहुत ही सुन्दर दिखती है। यहां गुफा मंदिर अपनी सुंदर नक्काशियों के लिए जाने जाते हैं।
गुफाओं से जुड़ी धार्मिक कथा-
यहां चार गुफा मंदिर हैं जिनमें से पहला गुफा मंदिर सबसे प्राचीन मंदिर है, जिसका निर्माण 6वीं शताब्दी में हुआ था। इस मंदिर में भगवान शिव के अर्धनारीश्वर और हरिहर अवतार की नक्काशियां की गई हैं और इन नक्काशियों के साथ ही भगवान शिव का तांडव नृत्य की भी नक्काशी दिखाई देती है। इसके दाहिनी तरफ़ भगवान शिव का हरिहर रूप और बाईं तरफ भगवान विष्णु का अवतार हैं। दर्शन करने आए दर्शनार्थी को यहां भगवान शिव के साथ-साथ महिषासुर मर्दिनी, गणपति, शिवलिंगम और शन्मुख की मूर्तियां के भी दर्शन करने को मिलते हैं।
इसके अलावा दूसरा गुफा मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, जहां विष्णु वराह और त्रिविक्रम अवतार में यहां स्थापित हैं। वहीं तीसरी गुफा मंदिर में भगवान विष्णु त्रिविक्रम और नरसिंह अवतार हैं, बता दें कि ये 100 फुट गहरा है। चौथा गुफा मंदिर जैन धर्म को समर्पित है। जहां भगवान महावीर बैठी अवस्था में विराजमान हैं, इनके साथ ही गुफा में तीर्थकर पार्श्वनाथ का चित्र भी बना हुआ है। मंदिर की छत पर पुराणों के दृश्य दिखाए गए हैं इसमें श्रीहरि का गरुड़ अवतार दिखाया गया है।
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