Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 May, 2024 06:54 AM
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 15 मई, बुधवार को मां बगलामुखी की जयंती है। बगलामुखी दस महाविद्याओं में आठवीं महावविद्या हैं। उन्हें माता पीताम्बरा भी कहते हैं। ये स्तम्भन की देवी है। सम्पूर्ण सृष्टि में तरंग इन्हीं की वजह से है। इनकी
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Baglamukhi Jayanti 2024: वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 15 मई, बुधवार को मां बगलामुखी की जयंती है। बगलामुखी दस महाविद्याओं में आठवीं महावविद्या हैं। उन्हें माता पीताम्बरा भी कहते हैं। ये स्तम्भन की देवी है। सम्पूर्ण सृष्टि में तरंग इन्हीं की वजह से है। इनकी उपासना से शत्रुओं का स्तम्भन तथा जातक का जीवन निष्कंटक होता है। सारे ब्रह्मांड की शक्तियां मिल कर भी इनका मुकाबला नहीं कर सकतीं।
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मां बगलामुखी की साधना प्राय: शत्रु भय से मुक्ति और वाक सिद्धि के लिए की जाती है। आदिकाल से ही देवगण, जीव इत्यादि जब-जब भी असुरी शक्तियों द्वारा आक्रांत और आतंकित किए गए अपने दुख निवारण के लिए उन्हें शिव और शक्ति का आश्रय लेना ही पड़ा।
दश महाविद्याओं की शृंखला में 10 देवियां मुख्य मानी जाती हैं- काली, तारा, महाविद्या, भुवनेश्वरी, त्रिपुरभैरवी, छिन्नमस्तिका, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला। वर्तमान युग महत्वाकांक्षाओं एवं संघर्ष का युग है और न चाहते हुए भी हमारे जीवन में अनेक शत्रु, बाधाएं और समस्याएं हैं। ऐसे विकट काल में मां बगलामुखी की साधना परम उपयोगी एवं सहायक है।
ऋषियों की मान्यता है कि सृष्टि की उत्पत्ति आदि के रहस्य का पूर्ण ज्ञान आगम विद्या के माध्यम से ही संभव है। सम्पूर्ण ‘विश्व-विद्या’ होने के कारण इसे ‘महाविद्या’ की संज्ञा प्राप्त है।
बगलामुखी को अग्नि पुराण में सिद्ध विद्या कह कर संबोधित किया गया है।
काली तारा महाविद्या षोडशी भुवनेश्वरी।
भैरवी सिद्ध विद्याच मातंगी कमल डडत्मिका॥
एतादश महाविद्या: सिद्ध विद्या: प्रर्कीतता:।
Baglamukhi Puja Vidhi And Mantra- जीवन में चल रही बड़ी से बड़ी बाधा को नष्ट करने के लिए मां बगलामुखी को पीले वस्त्र पहना कर पीले रंग के आसन पर सुसज्जित करें। पीली हल्दी के ढेर पर दीप-दान करें। अब हल्दी या पीले कांच की माला से इन मंत्रों का जाप करें।
'ऊँ ह्नीं बगुलामुखी देव्यै ह्नीं ओम नम:
'ह्मीं बगलामुखी सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलम बुद्धिं विनाशय ह्मीं ॐ स्वाहा
जादू टोने से मुक्ति पाने के लिए बगलामुखी साधना अमोघ विद्या है। इनका चिन्तन-मनन करने से मनुष्य को कोई भय नहीं रहता। अकाल मृत्यु का भय भी समाप्त हो जाता है।