Edited By Prachi Sharma,Updated: 15 May, 2024 10:38 AM
हिंदू धर्म में बगलामुखी जयंती के दिन को बहुत ही खास माना जाता है। कहते हैं इनकी पूजा हर परेशानी को काटने का काम करती है। पंचांग
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Baglamukhi Jayanti 2024: हिंदू धर्म में बगलामुखी जयंती के दिन को बहुत ही खास माना जाता है। कहते हैं इनकी पूजा हर परेशानी को काटने का काम करती है। पंचांग के अनुसार आज 15 मई को ये पावन पर्व मनाया जा रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मां बगलामुखी 10 महाविद्याओं में से आठवीं महाविद्या हैं। आज के दिन मां बगलामुखी का प्राकट्य हुआ था। मान्यताओं के अनुसार हल्दी रंग के जल से मां बगलामुखी का प्राकट्य हुआ था। हल्दी का रंग पीला होने के कारण इन्हें पीताम्बरा देवी भी कहा जाता है। इसी के साथ आपको बता दें कि आज के दिन मासिक दुर्गाष्टमी भी है। इस वजह से आज का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। इसी के साथ आपको बता दें कि आज के दिन कुछ खास उपाय करने से जीवन से अनचाहे शत्रुओं से मुक्ति मिलती है और आर्थिक तंगी से भी छुटकारा मिलता है। तो चलिए जानते हैं कौन से हैं वो अचूक उपाय जिन्हें करने से आपको हर क्षेत्र में विजय प्राप्त होगी।
Baglamukhi Jayanti Remedy बगलामुखी जयंती उपाय
मां बगलामुखी को पीला रंग बहुत प्रिय है। अगर आज के दिन पीले रंग के वस्त्र पहन कर मां बगलामुखी की पूजा की जाए तो मां जल्द ही प्रसन्न हो जाती हैं। पूजा के दौरान मां को पीले फूल चढ़ाएं।
घर में धन-धान्य की कमी को दूर करने के लिए और परिवार में खुशियों को बरकरार रखने के लिए आज के दिन देवी के यंत्र की स्थापना करनी चाहिए।
कहते हैं मां बगलामुखी की पूजा करने से विजय होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आज के दिन उनके मंत्रों का जाप करने से आपको भी हर क्षेत्र में विजयी होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
Mantra: मंत्र:
ऊँ ह्नीं बगुलामुखी देव्यै ह्नीं ओम नम:
ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलम बुद्धिं विनाशय ह्मीं ॐ स्वाहा
इन मंत्रों का जाप करने से अनचाहे शत्रुओं से मुक्ति मिलती है।
अगर आपको लगता है घर में कोई व्यक्ति नजर दोष से पीड़ित है तो उसे आज के दिन मां को चने की अर्पित करनी चाहिए।
Aise hui maa Baglamukhi ki utpatti ऐसे हुई मां बगलामुखी की उत्पत्ति
मान्यताओं के अनुसार एक समय दुनियां में विशाल चक्रवात आ गया था। उस दौरान चारों तरफ त्राहि-त्राहि मच गई थी। तब इस परेशानी से मुक्ति पाने के लिए सभी देवी-देवता मां दुर्गा के पास गए। देवताओं की गुहार सुन के मां दुर्गा बगलामुखी के रूप हरिद्रा सरोवर से प्रकट हुई और सबको परेशानी से मुक्ति दिलाई।