Edited By Prachi Sharma,Updated: 19 Jul, 2024 09:08 AM
ओडिशा में जगन्नाथ महाप्रभु की रथयात्रा 7 जुलाई से शुरू हो गई थी और आज शुक्रवार के दिन नीलाद्रि विजय के साथ रथ यात्रा संपन्न हो जाएगी। आज प्रभु जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलभद्र और छोटी बहन सुभद्रा के साथ
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Rath Yatra 2024: ओडिशा में जगन्नाथ महाप्रभु की रथयात्रा 7 जुलाई से शुरू हो गई थी और आज शुक्रवार के दिन नीलाद्रि विजय के साथ रथ यात्रा संपन्न हो जाएगी। आज प्रभु जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलभद्र और छोटी बहन सुभद्रा के साथ मंदिर में प्रवेश करेंगे। आज प्रभु रूठी लक्ष्मी को मनाने के लिए रसगुल्ला खिलाएंगे। इस वजह से आज के दिन प्रभु को रसगुल्ले का भोग लगाया जाता है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। साल में सिर्फ एक बार ही ऐसा होता है। ओडिशा में आज के दिन घर-घर, गलियों, मंदिरों में रसगुल्ले का प्रसाद बंटता है। लोग इस दिन मंदिरों में भी रसगुल्ले का ही भोग लगाते हैं।
रूठी लक्ष्मी को मनाने के लिए प्रभु जगन्नाथ ने खिलाया था रसगुल्ला
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब रथयात्रा से वापसी में आते समय प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र और बहन सुभद्रा मंदिर में प्रवेश करते हैं लेकिन मां लक्ष्मी उन्हें अंदर आने से रोक देती हैं। ऐसा इस वजह से जब ये तीनों अपनी मौसी के घर गए थे तो देवी लक्ष्मी को साथ नहीं लेकर गए थे। मंदिर के बाहर इस बात पर बहस छिड़ जाती है। मां लक्ष्मी के क्रोध से बचने के लिए भगवान जगन्नाथ ने उन्हें मनाने के लिए रसगुल्ले खिलाए थे। इसके बाद उनका गुस्सा शांत हो जाता है। तब से ही रसगुल्ले खिलाने की प्रथा चली आ रही है और इसके बाद ही मंदिर के द्वार खोले जाते हैं।