Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Aug, 2024 06:58 AM
कल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर बहुला चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार ये गाय माता के पूजन का पर्व है। जिस प्रकार गाय माता अपना दूध पिलाकर मनुष्य को पोषित करती है
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Bahula chauth 2024: कल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर बहुला चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार ये गाय माता के पूजन का पर्व है। जिस प्रकार गाय माता अपना दूध पिलाकर मनुष्य को पोषित करती है उसी कृतज्ञता की भावना से हम सभी को गाय को सम्मान देकर पूजना चाहिए। बहुला चतुर्थी पूजन संतान प्रदायक तथा ऐश्वर्य को बढ़ाने वाला है। कल के दिन गाय के दूध पर बछड़े का अधिकार होता है इसलिए गाय के दूध से बनी कोई भी सामग्री नहीं खानी चाहिए। रात में चन्द्रमा के उदय होने पर उन्हें अर्ध्य दें।
क्रूर ग्रहों की शांति: भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य, मंगल, शनि, केतु क्रूर ग्रह हैं। यदि ये ग्रह किसी की कुंडली में शत्रु क्षेत्री नीच आदि होकर स्थिर हों तो ज्यादा क्रूर प्रभाव दिखाते हैं। इनकी शांति हेतु निम्र उपाय हैं :
सूर्य की महादशा के लिए : गेहूं के आटे की रोटी में गुड़ मिलाकर बहुला चतुर्थी के दिन गाय को खिलाने से सूर्य की महादशा ठीक होती है।
मंगल ग्रह : गेहूं के आटे में मलका मसर (पीसकर) मिलाएं। गुड़ व गोघृत सहित बनाकर बहुला चतुर्थी के दिन लाल गाय को खिलाने से मंगल ग्रह जनित दोष दूर होते हैं।
शनि ग्रह : काले तिल या उड़द पीस कर गेहूं के आटे में मिला कर गुड़ गोघृत से पेड़ा बहुला चतुर्थी के दिन फिर कम से कम 9 शनिवार काली गाय को अपनी हथेली पर रख कर खिलाएं, शनिग्रह की प्रसन्नता प्राप्त होगी।
राहु केतु ग्रह : सतनाजे को पीस कर गेहूं का आटा, गुड़, गाय का घी मिलाकर बूढ़ी लंगड़ी असहाय (चितबरी) गायों को प्रात: 12 बजे तक खिलाएं। अनाथ गाय की घर में अथवा किसी गोशाला की जीवन पर्यंत सेवा की जिम्मेदारी लेने से राहू की दशा व दोष शमन शांत होते हैं।
सर्वग्रह शांति के लिए: प्रतिदिन पहली रोटी गुड़, गोघृत लगाकर अथवा चने की दाल, गुड़, हथेली पर रख कर मौन अवस्था में गाय को खिलाने से प्रतिदिन गौमाता की कृपा रहेगी। विघ्न बाधा, दुर्घटना से बचाव होगा। गाय द्वारा हथेली चाटने का विशेष महत्व है।