Bahula ganesh chaturthi: परिवार की भलाई और संकटों से छुटकारा पाने के लिए बहुला संकष्टी चतुर्थी पर न करें इन चीजों का सेवन

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Aug, 2024 04:06 AM

bahula ganesh chaturthi

बहुला संकष्टी चतुर्थी एक विशेष धार्मिक पर्व है, जो गणेश चतुर्थी के दौरान मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से बहुला गणेश के प्रति समर्पित होता है, जिन्हें संकटों से मुक्ति और भौतिक समृद्धि का प्रदायक

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Bahula ganesh chaturthi 2024: बहुला संकष्टी चतुर्थी एक विशेष धार्मिक पर्व है, जो गणेश चतुर्थी के दौरान मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से बहुला गणेश के प्रति समर्पित होता है, जिन्हें संकटों से मुक्ति और भौतिक समृद्धि का प्रदायक माना जाता है। बहुला संकष्टी चतुर्थी का महत्व विशेष रूप से उन लोगों के लिए होता है, जो परिवार की भलाई और संकटों से छुटकारा पाने की कामना रखते हैं।

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बहुला संकष्टी चतुर्थी के विशेष व्रत, पूजन व उपाय से संतान की रक्षा होती है, मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है व रोगों से छुटकारा मिलता है। भाद्रपद कृष्ण चतुर्थी वर्ष की खास 4 चतुर्थियों में से एक बहुला संकष्टी चतुर्थी कल मनाई जाएगी। यह चतुर्थी कष्ट नाशक, धन वृद्धि कारक व सम्पूर्ण सिद्धियों को देने वाली कही गई है।

बहुला संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी के एकदंत स्वरूप पूजन का विधान है। पौराणिक मतानुसार कालांतर में परशुराम महेश्वर से मिलने कैलाश पर्वत पहुंचे परंतु द्वार पर खड़े गणेश ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। जिस पर परशुराम व गणेश के बीच युद्ध हुआ, जिसमें परशुराम के फरसे के वार से गणेश का एक दांत टूट गया व गणपती एकदंत कहलाए।

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Bahula Sankashti Chaturthi Puja Method बहुला संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि: बहुला संकष्टी चतुर्थी के दिन गेहूं, चावल व गाय का दूध ग्रहण करना वर्जित है। इस दिन गाय व शेर की मिट्टी की मूर्ति का पूजन करते हैं।  शास्त्रनुसार इस दिन संध्या में गाय व बछडे़ की पूजा कर उन्हें सत्तू का भोग लगाकर गणेश जी की पूजा की जाती है। चंद्रोदय के समय चंद्रमा को अर्ध्य देकर भोजन किया जाता है। संध्या काल में गौ पूजन करें, उन्हें भोग लगाएं तत्पश्चात घर की उत्तर दिशा में पीला कपड़ा बिछाकर गणेश जी का चित्र स्थापित करें तथा उसका  पंचोपचार पूजन करें। घी में हल्दी मिलाकर दीपक करें, चंदन की धूप करें, पीत चंदन से तिलक करें, पीले कनेर के फूल चढ़ाएं, 4 केले चढ़ाएं, मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाएं। रुद्राक्ष की माला से 108 बार यह विशेष मंत्र जपें। पूजन समाप्ती के बाद चंद्रमा को पीतल के लोटे में जल, इत्र, हल्दी, चंदन, रोली मिलाकर अर्घ्य दें व भोग प्रसाद स्वरूप सभी में वितरित करें। 

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Significance of Bahula Sankashti Chaturthi बहुला संकष्टी चतुर्थी का महत्व: बहुला संकष्टी नाम और महत्व: "बहुला" नाम विशेष गणेश स्वरूप को संदर्भित करता है, जो भक्तों के दुखों और समस्याओं को दूर करने में सहायक होते हैं। इस दिन की पूजा विशेष रूप से भक्तों की कठिनाइयों को समाप्त करने के लिए की जाती है।

Bahula Sankashti fasting and puja बहुला संकष्टी उपवास और पूजा: इस दिन भक्त व्रत रखते हैं और विशेष पूजा विधियों का पालन करते हैं। उपवास रखकर और दिन भर केवल फल या दूध का सेवन करते हुए, वे अपनी श्रद्धा और समर्पण को दर्शाते हैं।

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