Edited By Niyati Bhandari,Updated: 14 Nov, 2024 12:43 PM
Baikunth chaturdashi 2024: हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर 'बैकुंठ चतुर्दशी' मनाए जाने का विधान है। 2024 में वैकुंठ चतुर्दशी 14 नवंबर यानी आज है। इस दिन भगवान शिव और श्री हरि का मिलन होता है शायद इसलिए इस दिन को हरिहर का मिलन...
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Baikunth chaturdashi 2024: हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर ''बैकुंठ चतुर्दशी'' मनाए जाने का विधान है। 2024 में वैकुंठ चतुर्दशी 14 नवंबर यानी आज है। इस दिन भगवान शिव और श्री हरि का मिलन होता है शायद इसलिए इस दिन को हरिहर का मिलन भी कहा जाता है। जो लोग संसार के सुख-सुविधाएं भोग कर मरने के बाद वैकुंठ जाना चाहते हैं आज उन्हें श्री हरि और हर यानि भोलेनाथ की कमल के फूलों से पूजा करनी चाहिए। इस कथा का श्रवन जरुर करें।
Vaikunth Chaturdashi katha वैकुण्ठ चतुर्दशी की कथा
नारद जी वीणा बजाते हुए नारायण-नारायण बोलते हुए बैकुंठ धाम पंहुचते हैं। भगवान श्री हरि विष्णु उनको सम्मानपूर्वक आसन देते हैं और आने का कारण पूछते हैं।
नारद जी कहते हैं, "हे प्रभु! मैं पृथ्वी लोक से आ रहा हूं। आपका नाम कृपानिधान है, इस नाम को लेने वाला भवसागर से पार पाता है लेकिन सामान्य नर-नारी कैसे भक्ति कर मुक्ति पा सकते हैं।"
श्री हरि ने कहा," कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी वैकुण्ठ चतुर्दशी के नाम से जानी जाएगी। इस दिन जो कोई नियम से व्रत और पूजन करेगा, उनके लिए स्वर्ग के द्वार सदा खुले रहेंगे। मरणोपरांत वह बैकुंठ धाम को प्राप्त करेगा।
उन्होंने अपने द्वारपाल जय-विजय को आदेश देते हुए कहा कार्तिक चतुर्दशी को स्वर्ग के द्वार खुले रहेंगे।
Vaikunth Chaturdashi date and auspicious time बैकुंठ चतुर्दशी डेट और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 14 नवंबर 2024 यानी आज सुबह 9 बजकर 43 मिनट पर होगी और इसका समापन 15 नवंबर को सुबह 6 बजकर 19 मिनट पर हो जाएगा। इस दिन पूजा निशिता काल में की जाती है।
बैकुंठ चतुर्दशी पूजा मुहूर्त- इस दिन श्री हरि और भगवान शिव की पूजा रात 11 बजकर 39 मिनट से लेकर 12 बजकर 32 मिनट तक करना शुभ रहेगा।