Bal Gangadhar Tilak story: गलती न होने पर भी सजा स्वीकार कर लें तो...

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 30 Jul, 2023 09:48 AM

bal gangadhar tilak story

स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और वह मैं लेकर ही रहूंगा’ का नारा देने वाले बाल गंगाधर तिलक का नाम भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। उनके स्कूली

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Bal Gangadhar Tilak story: ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और वह मैं लेकर ही रहूंगा’ का नारा देने वाले बाल गंगाधर तिलक का नाम भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। उनके स्कूली जीवन की एक यादगार घटना है। एक बार उनकी कक्षा के सारे बच्चे बैठे मूंगफली खा रहे थे। उन लोगों ने मूंगफली के छिलके कक्षा में ही फैंक दिए और चारों ओर गंदगी फैला दी। कुछ देर बाद जब उनके शिक्षक आए तो कक्षा को गंदा देखकर बहुत नाराज हो गए।

PunjabKesari Bal Gangadhar Tilak story

उन्होंने अपनी छड़ी निकाली और लाइन से सारे बच्चों की हथेली पर छड़ी से 2-2 बार मारने लगे। जब तिलक की बारी आई तो उन्होंने मार खाने के लिए अपना हाथ आगे नहीं बढ़ाया। जब शिक्षक ने कहा कि अपना हाथ आगे बढ़ाओ, तब उन्होंने कहा कि मैंने कक्षा को गंदा नहीं किया है इसलिए मैं मार नहीं खाऊंगा।

उनकी बात सुनकर टीचर का गुस्सा और बढ़ गया। टीचर ने उनकी शिकायत प्राचार्य से कर दी। इसके बाद तिलक के घर पर उनकी शिकायत पहुंची और उनके पिताजी को स्कूल आना पड़ा।

PunjabKesari Bal Gangadhar Tilak story

स्कूल आकर तिलक के पिता ने बताया कि उनके बेटे के पास पैसे ही नहीं थे, वह मूंगफली नहीं खरीद सकता था। बाल गंगाधर तिलक अपने जीवन में कभी अन्याय के सामने नहीं झुके। उस दिन अगर शिक्षक के डर से तिलक ने स्कूल में मार खा ली होती तो शायद उनके अंदर का साहस बचपन में ही समाप्त हो जाता।

इस घटना से हम सभी को एक सबक मिलता है कि यदि गलती न होने पर भी हम सजा स्वीकार कर लें तो यह माना जाएगा कि गलती में हम भी शामिल थे।

PunjabKesari Bal Gangadhar Tilak story

 

 

Related Story

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!