Edited By Niyati Bhandari,Updated: 03 May, 2022 08:24 AM
कल 3 मई, 2022 वैशाख शुक्ल पक्ष की अक्षय तीज है। वैसे तो ये पर्व बहुत से धार्मिक स्थानों पर बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है लेकिन वृंदावन के ठाकुर श्री बांके बिहारी लाल जी के मंदिर में देश-विदेश से
Akshaya tritiya banke bihari charan darshan: कल 3 मई, 2022 वैशाख शुक्ल पक्ष की अक्षय तीज है। वैसे तो ये पर्व बहुत से धार्मिक स्थानों पर बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है लेकिन वृंदावन के ठाकुर श्री बांके बिहारी लाल जी के मंदिर में देश-विदेश से श्रद्धालु दर्शनों के लिए आते हैं। अक्षय तृतिया पर बांके बिहारी के कैसे दर्शन होते हैं, ये जानने के लिए पंजाब केसरी के रिपोर्टर विक्की शर्मा ने वृंदावन के सेवाधिकारी श्री राजू गोस्वामी से भेंट की। आईए जानें अक्षय तृतिया पर मंदिर में क्या-क्या होगा ?
इस रोज ठाकुर जी के श्री विग्रह पर चंदन का लेप किया जाता है और चंदन के गोले उनके चरणों में रखे जाते हैं। बांके बिहारी को चांदी और सोने की पायले पहनाई जाती हैं। उनके चरणों में चांदी और सोने के सिक्के भी भेंट किए जाते हैं।
वृंदावन की लोक मान्यता के अनुसार अक्षय तृतिया श्री गणेश और लक्ष्मी पूजन का दिन है। इसे दीवाली से भी बड़ा त्यौहार माना गया है। नारायण जी के श्री चरणों में लक्ष्मी जी पायल रुप में रहती हैं।
ठाकुर जी को शीतलता प्रदान करने के लिए ही उनके चरणों में चंदन का लेप लगाया जाता है। भोज्य पदार्थ भी उन्हें शीतलता प्रदान करने वाले निवेदित किए जाते हैं जैसे ठंडे शर्बत, सत्तू आदि।
इस दिन लेप के बाद ठाकुर जी सर्वांग दर्शन भी देते हैं जैसे आमतौर पर ब्रज में आपने देखा होगा की पुरुष धोती पहनते हैं, उसी तरह ठाकुर जी भी सिर्फ धोती पहनते हैं और ऊपर का सारा श्री अंग वस्त्रहीन ही होता है। उनके श्री अंग के दर्शन भी साल में केवल 1 दिन यानी अखा तीज पर ही होते हैं। एक बार उन्हें चंदन का लेप भी करवाते हैं।
सनातन धर्म में अक्षय तृतिया का बहुत बड़ा महत्व है। कहा जाता है इस दिन किया गया कोई भी काम कभी क्षय नहीं होता। ठाकुर जी के नाम जाप से लेकर दान-धर्म तक कुछ भी कभी भी व्यर्थ नहीं जाता। वे अक्षय होकर वापिस लौटता है।