Edited By Niyati Bhandari,Updated: 24 Jan, 2023 07:51 AM
हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पचंमी का पर्व मनाया जाता है। बसंत पंचमी का दिन स्वरों की देवी सरस्वती को समर्पित है।
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Basant Panchami: हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पचंमी का पर्व मनाया जाता है। बसंत पंचमी का दिन स्वरों की देवी सरस्वती को समर्पित है। बसंत पंचमी को ज्ञान पंचमी भी कहते हैं। मान्यताओं के अनुसार इस दिन जगत के रचियता ब्रह्मा जी के मुख से ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती प्रकट हुई थीं। ये दिन शिक्षा और स्वर से जुड़ा हुआ है। इस बार वर्ष 2023 में बसंत पंचमी के दिन को लेकर कुछ कंफ्यूज चल रही है। तो चलिए जानते हैं की क्या है बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त और कौन से दिन की जाएगी इस पर्व की पूजा।
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Basant Panchami Shubh Muhurat बसंत पंचमी शुभ मुहूर्त: पंचमी तिथि का आरंभ 25 जनवरी की दोपहर 12 बजकर 34 मिनट पर होगा और 26 जनवरी को 10 बजकर 28 पर इसका समापन हो जाएगा। इस हिसाब से उदया तिथि की पंचमी 26 जनवरी को बनती है। अत: इस दिन बसंत पंचमी मनाई जाएगी। 26 जनवरी को सुबह 07 बजकर 07 मिनट से लेकर दिन में 12 बजकर 35 मिनट तक इसका शुभ मुहूर्त रहेगा।
Basant Panchami Pujan Vidhi बसंत पंचमी पूजन विधि: बसंत पंचमी वाले दिन सुबह स्नान अदि से निवृत होकर सफ़ेद या पीले रंग के वस्त्र पहन लें। इस दिन पीले रंग का बहुत महत्व है।
पूजा स्थान पर मां सरस्वती की प्रतिमा को गंगा जल से स्नान करवा कर उन्हें पीले रंग के वस्त्र धारण करवा दें। पूजा के समय देवी को केसर या चंदन का तिलक लगाएं, फिर उसी तिलक को अपने माथे पर लगा लें। फिर उसके बाद माता को पीले रंग की ही कोई मिठाई अर्पित करें। सरस्वती वंदना और मंत्रों से उनकी आराधना करें।
Saraswati Mata Mantra: ओम श्री सरस्वत्यै नमः:
Significance of Basant Panchami बसंत पंचमी का महत्व: बसंत पंचमी के दिन किसी भी काम को शुरू करने के लिए इस दिन को बहुत ही शुभ माना जाता है। बसंत पंचमी को श्रीपंचमी, ज्ञान पंचमी और मधुमास के नाम से भी जाना जाता है। कहते हैं कि इसी दिन से बसंत ऋतु का आगमन होता है।