Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 Dec, 2022 12:17 PM
सदियों पुरानी बात है। यूनान के किसी गांव में एक बच्चे का जन्म हुआ। बच्चा बहुत सुंदर था, जो देखता बच्चे की सूरत पर मोहित हो जाता। मां-बाप ने उसका नाम नारिशस रखा था। लोग उसे प्यार से नर्गिस कहते।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Nargis flower story: सदियों पुरानी बात है। यूनान के किसी गांव में एक बच्चे का जन्म हुआ। बच्चा बहुत सुंदर था, जो देखता बच्चे की सूरत पर मोहित हो जाता। मां-बाप ने उसका नाम नारिशस रखा था। लोग उसे प्यार से नर्गिस कहते। नर्गिस जंगलों में घूमता, नदियों के किनारे जाता, पंछियों से बातें करता, पर उसे यह नहीं पता था कि वह बहुत सुंदर है। उसने कभी अपना चेहरा देखा नहीं था। तब दर्पण नहीं होते थे और लोग अपना चेहरा नदी या झील के जल में देखते थे।
1100 रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें
एक दिन स्वर्ग की एक अप्सरा इको जंगल में घूमने आई तो उसकी नजर नर्गिस पर पड़ गई। वह उसकी सुंदरता पर मोहित हो गई, नर्गिस से प्रेम कर बैठी। उसने नर्गिस के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा। नर्गिस तो अपनी ही धुन में खोया रहता था, उसने इको का प्रेम प्रस्ताव ठुकरा दिया।
अपना प्रेम निवेदन ठुकराए जाने से इको बहुत निराश हुई और बैठ कर रोने लगी। तभी वहां वनदेवी नेमसिस निकली। इको को रोते देख वनदेवी ने कारण पूछा तो इको ने सब कुछ सच-सच बता दिया। वनदेवी युवक नर्गिस के पास गई और उसे अपनी अप्रतिम सुंदरता वाली सूरत झील के जल में देखने को कहा।
नर्गिस झील के पास गया और पहली बार उसने झील के जल में अपना चेहरा देखा और इतना आत्ममुग्ध हुआ कि लगातार अपना चेहरा ही देखता रहा और फिर न जाने कैसे वह झील के पानी में गिर गया।
कहते हैं झील में जहां नारिशस डूबा था, उसी के पास झील के किनारे एक पौधा उग आया। इस पौधे के शीर्ष पर जो फूल खिला वह झील में सिर झुका अपना चेहरा देख रहा था। लोगों ने उस सुंदर पौधे और फूल का नाम नर्गिस रखा।
यह यूनान का पौधा है। 10वीं शताब्दी में यह नीदरलैंड्स और यूरोप पहुंचा। 16वीं शताब्दी में पूरी दुनिया में यह खूबसूरत फूल लोकप्रिय हो गया। यह वेल्स का राष्ट्रीय फूल है और कैंसर के उपचार में भी लाभदायक है।