mahakumb

महिलाएं इन अदाओं का जादू चलाकर करती हैं पुरुषों का ईमान भंग, प्रेम में धोखा खाएं पढ़ें...

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 30 Dec, 2024 10:03 AM

beauty of women

Vairagya Shatak: एक बार राजा भर्तृहरि शिकार करने जंगल में गए। वहां उन्होंने एक हिरन का शिकार किया, तभी वहां से गुरु गोरखनाथ गुजरे। गुरु ने राजा को कहा कि अगर वह किसी को जीवन दान नहीं दे सकते तो मारने का भी उन्हें कोई हक नहीं है। तब राजा भर्तृहरि ने...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Vairagya Shatak: एक बार राजा भर्तृहरि शिकार करने जंगल में गए। वहां उन्होंने एक हिरन का शिकार किया, तभी वहां से गुरु गोरखनाथ गुजरे। गुरु ने राजा को कहा कि अगर वह किसी को जीवन दान नहीं दे सकते तो मारने का भी उन्हें कोई हक नहीं है। तब राजा भर्तृहरि ने कहा कि यदि आप इस मृत हिरण को पुनः जीवित कर दें तो मैं आपकी शरण में आ जाऊंगा।

PunjabKesari  Vairagya Shatak

Vairagya Shatakam: राजा भर्तृहरि के ऐसा कहने पर गुरु गोरखनाथ ने अपनी तपस्या के बल पर उस मृत हिरण को पुनर्जीवित कर दिया लेकिन राजा भृर्तहरि का मन अब भी अपनी सबसे सुंदर रानी पिंगला के प्रेम में उलझा हुआ था। गुरु गोरखनाथ राजा के मन की बात जान गए। उन्होंने राजा को एक फल दिया और कहा कि इसे खाने से तुम सदैव जवान बने रहोगे, कभी बुढ़ापा नहीं आएगा, सदैव सुंदरता बनी रहेगी। राजा भृर्तहरि ने यह फल अपनी सबसे प्रिय रानी पिंगला को दे दिया ताकि वह सदैव सुंदर व जवान रहे।

PunjabKesari  Vairagya Shatak

Religious Katha: रानी पिंगला भर्तृहरि पर नहीं बल्कि उसके राज्य के कोतवाल पर मोहित थी। यह बात राजा नहीं जानते थे। जब राजा ने वह चमत्कारी फल रानी को दिया तो रानी ने सोचा कि यह फल यदि कोतवाल खाएगा तो वह लंबे समय तक उसकी इच्छाओं की पूर्ति कर सकेगा। रानी ने यह सोचकर चमत्कारी फल कोतवाल को दे दिया। वह कोतवाल एक वेश्या से प्रेम करता था और उसने चमत्कारी फल उसे दे दिया ताकि वेश्या सदैव जवान और सुंदर बनी रहे।

PunjabKesari  Vairagya Shatak

Religious Context: वेश्या ने फल पाकर सोचा कि यदि वह जवान और सुंदर बनी रहेगी तो उसे यह गंदा काम हमेशा करना पड़ेगा। नर्क समान जीवन से मुक्ति नहीं मिलेगी। इस फल की सबसे ज्यादा जरूरत हमारे राजा को है। राजा हमेशा जवान रहेगा तो लंबे समय तक प्रजा को सभी सुख-सुविधाएं देता रहेगा। यह सोचकर उसने चमत्कारी फल राजा को दे दिया। राजा वह फल देखकर हतप्रभ रह गए। राजा ने वेश्या से पूछा कि यह फल उसे कहा से प्राप्त हुआ।

PunjabKesari  Vairagya Shatak

Inspirational Story: वेश्या ने बताया कि यह फल उसे कोतवाल ने दिया है। भर्तृहरि ने तुरंत कोतवाल को बुलवा लिया। सख्ती से पूछने पर कोतवाल ने बताया कि यह फल उसे रानी पिंगला ने दिया है। जब राजा भर्तृहरि को पूरी सच्चाई मालूम हुई तो वह समझ गया कि पिंगला उसे धोखा दे रही है। पत्नी के धोखे से भर्तृहरि के मन में वैराग्य जाग गया और वे अपना संपूर्ण राज्य अपने छोटे भाई विक्रमादित्य को सौंपकर गुरु गोरखनाथ की शरण में आ गए।

Bhartrihari vairagya satakam: भृर्तहरि ने वैराग्य पर वैराग्य शतक की रचना की, जो कि काफी प्रसिद्ध है। इसके साथ ही राजा भर्तृहरि ने श्रृंगार शतक और नीति शतक की भी रचना की। यह तीनों ही शतक आज भी उपलब्ध हैं। भर्तृहरि शतक ग्रंथ के श्रृंगार शतक के माध्यम से सौंदर्य पर विशेष बातें बताई गई हैं, मुख्य रूप से महिलाओं की खूबसूरती से संबंधित, जिन्हें नकारा नहीं जा सकता।

PunjabKesari  Vairagya Shatak

Inspirational Context: महिलाओं की मध्यम हंसी, शरमाना, दिल पर वार करते हुए नजरें फेरना, मिठी बोली, आक्षेप-वाक्य, घायल करने वाले हाव-भाव किसी भी व्यक्ति को आकर्षण में बांध लेते हैं।

महिलाओं के पास कुछ प्राकृतिक गहनें हैं जैसे पूर्णिमा के चांद जैसा दमकता चेहरा, कमल से नयन, स्वर्ण सा तन, भौंरों से अधिक काले लहराते केश, निखरा रूप लावण्य आदि। वे श्रृंगार न भी करें तब भी हसीन लगती हैं।

महिलाओं की चूड़ियों की खनक, पायल की छमछम विशेष अदाएं राजहंसिनियों की चाल को भी मात देती हैं। पुरूषों के मन को वशीभूत कर अपना दीवाना बना लेती हैं।

हिरणी जैसी आंखों वाली महिलाओं के आंचल की हवा जब तक किसी विद्वान को नहीं लगती, तब तक ही उसका विवेक काम करता है।

सार है कि खूबसूरत महिलाओं को देखकर भी जिन पुरुषों का इमान डांवाडोल नहीं होता वे महाभाग पूज्य और पवित्र हैं।

PunjabKesari  Vairagya Shatak

 

Related Story

    Trending Topics

    Afghanistan

    134/10

    20.0

    India

    181/8

    20.0

    India win by 47 runs

    RR 6.70
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!