हनुमान जी ने की अपने प्रभु की याचना तो श्री राम ने दे दिया ये वरदान

Edited By Jyoti,Updated: 05 May, 2020 03:37 PM

benefits of hanuman worship in hindi

धार्मिक ग्रंथों में इस बात का वर्णन मिलता है कि जब त्रेतायुग का अंत हुआ तो श्री राम जी के साथ पूरी अयोध्या ने उनके साथ जल समाधि ले ली थी।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
धार्मिक ग्रंथों में इस बात का वर्णन मिलता है कि जब त्रेतायुग का अंत हुआ तो श्री राम जी के साथ पूरी अयोध्या ने उनके साथ जल समाधि ले ली थी। परंतु केवल हनुमान जी ऐसे थे, जिन्हें उनके प्रभु श्री राम की ये आज्ञा हुई थी कि वो दुनिया की रक्षा के लिए सदैव वास करेंगे। कहा जाता है आज भी बजरंगबली अपने व अपने प्रभु राम के भक्तों की रक्षा के लिए पृथ्वी पर विचरते हैं।शास्त्रों में इन्हें कलियुग के सबसे ज्यादा जाग्रत देवता भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कलियुग में जो भी हनुमान जी की पूरी श्रद्धा से पूजा-अर्चना करता उसके संकट वो खुद आ कर दूर करते हैं।
PunjabKesari, Ramayan, Shri Ram, श्री राम, Hanuman ji, Lord Hanuman, Hanuman Worship, Bajrangbali, Jyotish Upay, Jyotish Upay, Astrology in hindi, Jyotish Gyan, Dharmik Katha, Vedic Shalokas
तो वहीं ये भी कहा जाता है कि इस ब्रह्मांड में ईश्वर के बाद अगर कोई एक शक्ति है तो वह है हनुमान जी ही हैं, जिनके समक्ष किसी भी प्रकार की मायावी शक्ति ठहर नहीं सकती। आइए जानते हैं इनसे जुड़ी खास बात कि कैसे श्री राम ने हनुमान जी को अमरता का वरदान दिया साथ ही साथ जानेंगे इन्हें प्रसन्न करने के कुछ आसान उपाय-

शास्त्रों में वर्णित एक प्रसंग के अनुसार लंका विजय कर अयोध्या लौटने पर जब श्रीराम उन्हें युद्ध में सहायता देने वाले विभीषण, सुग्रीव, अंगद आदि को कृतज्ञतास्वरूप उपहार देते हैं तो हनुमानजी श्रीराम से याचना करते हैं-

यावद् रामकथा वीर चरिष्यति महीतले। तावच्छरीरे वत्स्युन्तु प्राणामम न संशय:।।

अर्थात : 'हे वीर श्रीराम! इस पृथ्वी पर जब तक रामकथा प्रचलित रहे, तब तक निस्संदेह मेरे प्राण इस शरीर में बसे रहें।'
PunjabKesari, Ramayan, Shri Ram, श्री राम, Hanuman ji, Lord Hanuman, Hanuman Worship, Bajrangbali, Jyotish Upay, Jyotish Upay, Astrology in hindi, Jyotish Gyan, Dharmik Katha, Vedic Shalokas
जिसके बाद श्रीराम उन्हें आशीर्वाद देते हैं-
'एवमेतत् कपिश्रेष्ठ भविता नात्र संशय:।
चरिष्यति कथा यावदेषा लोके च मामिका
तावत् ते भविता कीर्ति: शरीरे प्यवस्तथा।
लोकाहि यावत्स्थास्यन्ति तावत् स्थास्यन्ति में कथा।।'


अर्थात् : 'हे कपिश्रेष्ठ, ऐसा ही होगा, इसमें संदेह नहीं है। संसार में मेरी कथा जब तक प्रचलित रहेगी, तब तक तुम्हारी कीर्ति अमिट रहेगी और तुम्हारे शरीर में प्राण रहेंगे। जब तक ये लोक बने रहेंगे, तब तक मेरी कथाएं भी स्थिर रहेंगी।

कैसे होते हैं हनुमान जी प्रसन्न-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी उन लोगों पर अपने अपार कपा बरसाते हैं जो कभी किसी की कार्य को करने के लिए झूठ का सहारा नहीं लेते यानि अपने जीवन ईमानदारी से व्यतीत करते हैं। 

इसके अलावा जो लोग रोज़ाना श्री हनुमान चालीसा या श्री हनुमान वडवानल स्तोत्र का पाठ करते हैं और बजरंगबली पर चोला चढ़ाते हैं उन पर इनकी विशेष कृपा होती है।  

जो जातक मंगलवार की प्रातः साफ कपड़े पहनकर हनुमान जी की मूर्ति को स्नान करवाता तो उसे भी शुभ फलो की प्राप्ति होती है।
PunjabKesari, Ramayan, Shri Ram, श्री राम, Hanuman ji, Lord Hanuman, Hanuman Worship, Bajrangbali, Jyotish Upay, Jyotish Upay, Astrology in hindi, Jyotish Gyan, Dharmik Katha, Vedic Shalokas

 

 

 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!