Edited By Aacharya Kamal Nandlal,Updated: 04 Apr, 2018 12:33 PM
सनातन धर्म में ईश आराधना के लिए बहुत सारी पद्धतियों को शामिल किया गया है। इनमें मुख्य तौर पर मंदिर दर्शन, पूजा-पाठ, आरती और मंत्र जाप शामिल हैं। तन और मन को प्रभु चरणों में एकाग्र करने के लिए मंत्रों का जाप सबसे अधिक प्रभावशाली युक्ति है।
सनातन धर्म में ईश आराधना के लिए बहुत सारी पद्धतियों को शामिल किया गया है। इनमें मुख्य तौर पर मंदिर दर्शन, पूजा-पाठ, आरती और मंत्र जाप शामिल हैं। तन और मन को प्रभु चरणों में एकाग्र करने के लिए मंत्रों का जाप सबसे अधिक प्रभावशाली युक्ति है। जाप में किसी भी तरह की भूल से बचने के लिए माला का प्रयोग किया जाता है। माला में लगे दानें मनका कहलाते हैं। आमतौर पर 1 माला में 108 मनके होते हैं लेकिन छोटी माला में 27 या 54 मनके होते हैं। माला फेरते वक्त कुछ बातों पर दें ध्यान, तभी होगा पुण्य लाभ-
सर्वप्रथम धरती माता कोे प्रणाम करें, कुश या शुद्ध ऊनी बिछौना बिछाकर पलथी मारकर बैठें। अपने शरीर को सीधा रखें, कमर झुकाएं नहीं। माला को प्रणाम कर दाहिने हाथ की उंगलियों पर अंगूठे के पोर से फेरना आरंभ करें, ध्यान रखें माला तर्जनी उंगली को स्पर्श न करे। माला और नाखूनों में दूरी बनाकर रखें। माला फेरते समय अपना ध्यान ईष्ट और मंत्र पर केंद्रित रखें। प्रतिदिन की जप संख्या समान अथवा बढ़ते हुए क्रम में होनी चाहिए। माला जाप के बाद उसे आसन अथवा डिब्बी में सहज कर रखें।
इच्छा अनुसार करें माला का चयन-
धन की इच्छा है तो कमलगट्टे, वैजन्ती, स्फटिक व मूंगे की माला से लक्ष्मी देवी का जाप करना चाहिए।
विद्या प्राप्त करने के लिए स्फटिक की माला अथवा रुद्राक्ष की माला से सरस्वती मंत्रों का जाप करें।
मनचाहा वर प्राप्त करने के लिए रुद्राक्ष की माला से शिव मंत्रों का जाप करें।
मन भावन पत्नी पाने के लिए स्फटिक की माला से शिव मंत्रों का जाप करें।
घर में सुख शांति का वातावरण बना रहे और उत्तम स्वास्थ्य के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप रूद्राक्ष की माला से करें।
शत्रुओं का नाश करने के लिए बगला मुखी मंत्र का जाप हल्दी की माला से करें।
रुद्राक्ष की माला गले में धारण करने से ह्रदय रोग और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।
हनुमान जी की साधना के लिए मूंगे की माला से मंत्रों का जाप करें।
देवी की आराधना के लिए स्फटिक की माला से जाप करने से मंत्र शीघ्र सिद्ध हो जाते हैं।