अनेक रोगों की जड़ है इस समय भोजन करना

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 07 Dec, 2024 11:48 AM

benefits of not eating dinner at night

किसी भी चिड़िया को डायबिटीज नहीं होती। किसी भी बंदर को हार्ट अटैक नहीं आता। कोई भी जानवर न तो आयोडीन नमक खाता है और न ब्रश करता है, फिर भी किसी को थायरायड नहीं होता और न दांत

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Effects of eating late at night : किसी भी चिड़िया को डायबिटीज नहीं होती। किसी भी बंदर को हार्ट अटैक नहीं आता। कोई भी जानवर न तो आयोडीन नमक खाता है और न ब्रश करता है, फिर भी किसी को थायरायड नहीं होता और न दांत खराब होते हैं। बंदर शरीर संरचना में मनुष्य के सबसे नजदीक है, मगर बंदर और आप में यही फर्क है कि बंदर के पूंछ है हमारे नहीं है, बाकी सब कुछ समान है। तो फिर बंदर को कभी भी हार्ट अटैक, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप क्यों नहीं होता ?

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एक पुरानी कहावत है कि बंदर कभी बीमार नहीं होता और यदि बीमार होगा तो जिंदा नहीं बचेगा मर जाएगा। बंदर बीमार क्यों नहीं होता ?

हमारे एक मित्र बताते हैं कि एक बहुत बड़े प्रोफैसर हैं, मैडीकल कालेज में काम करते हैं। उन्होंने एक बड़ा गहरा अध्ययन किया कि बंदर को बीमार बनाओ। तो उन्होंने तरह-तरह के वायरस और बैक्टीरिया बंदर के शरीर में डालने शुरू किए, कभी इंजैक्शन के माध्यम से, कभी किसी और माध्यम से। वह कहते हैं मैं 15 साल असफल रहा लेकिन बंदर को कुछ नहीं हुआ।

मित्र ने प्रोफैसर से कहा कि आप यह कैसे कह सकते हैं कि बंदर को कुछ नहीं हो सकता ? तब एक दिन उन्होंने यह रहस्य की बात बताई, जो आपको भी बता देता हूं कि बंदर का जो आर.एच. फैक्टर है, वह सबसे आदर्श है। कोई डाक्टर जब आपका आर.एच. फैक्टर नापता है तो वह बंदर के ही आर.एच. फैक्टर से तुलना करता है। वह डाक्टर आपको बताता नहीं, यह अलग बात है।

इसका कारण यह है कि उसे कोई बीमारी आ ही नहीं सकती। उसके ब्लड में कभी कोलैस्ट्राल नहीं बढ़ता, कभी ट्रायग्लेसराइड नहीं बढ़ती, न ही उसे कभी डायबिटीज होती है। शुगर को कितनी भी बाहर से उसके शरीर में इंट्रोड्यूस करो, वह टिकती नहीं। तो वह प्रोफैसर साहब कहते हैं कि यही चक्कर है कि बंदर सवेरे ही भरपेट खाता है। जो आदमी नहीं खा पाता है, इसीलिए उसको सारी बीमारियां होती हैं।

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सूर्य निकलते ही सारी चिड़िया, सारे जानवर खाना खाते हैं। जब से मनुष्य इस ब्रेकफास्ट, लंच, डिनर के चक्कर में फंसा है, तब से मनुष्य ज्यादा बीमार रहने लगा है।

प्रोफैसर रविंद्रनाथ शानवाग ने अपने सभी मरीजों से कहा कि सुबह-सुबह भरपेट खाओ। उनके मरीज बताते हैं कि जब से उन्होंने सुबह भरपेट खाना शुरू किया तब से उन्हें डायबिटीज यानी शुगर कम हो गई, किसी का कैलेस्ट्रोल कम हो गया, किसी के घुटनों का दर्द कम हो गया, किसी का कमर का दर्द कम हो गया, गैस बनना बंद हो गई, पेट में जलन होनी बंद हो गई, नींद अच्छी आने लगी वगैरह-वगैरह।

और यह बात बाणभट्ट जी ने 3500 साल पहले कही कि सुबह का किया हुआ भोजन सबसे अच्छा है। सुबह सूरज निकलने से अढ़ाई घंटे तक यानी 9.30 बजे तक, ज्यादा से ज्यादा 10 बजे तक आपका भरपेट भोजन हो जाना चाहिए और यह भोजन तभी होगा, जब आप नाश्ता बंद करेंगे। यह नाश्ते का प्रचलन हिन्दुस्तानी नहीं है, यह अंग्रेजों की देन है और रात्रि का भोजन सूर्यास्त होने से आधा घंटा पहले कर लें। तभी बीमारियों से बचेंगे।

सुबह सूर्य निकलने से अढ़ाई घंटे तक हमारी जठराग्नि बहुत तीव्र होती है। हमारी जठराग्नि सबसे अधिक तीव्र स्नान के बाद होती है। स्नान के बाद पित्त बढ़ता है, इसलिए सुबह स्नान करने के बाद भोजन कर लें तथा एक भोजन से दूसरे भोजन के बीच 4 से 8 घंटे का अंतराल रखें।

बीच में कुछ न खाएं और दिन डूबने के बाद बिल्कुल न खाएं क्योंकि यह पक्षियों और जंगली जानवरों की दिनचर्या में सम्मिलित है, जिससे वे अमूमन बीमार नहीं होते।

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