Edited By Niyati Bhandari,Updated: 29 Oct, 2021 08:30 AM

भारतीय हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल भाई दूज का पावन पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 6 नवंबर, 2021 शनिवार को है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस साल भाई को तिलक
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Bhai Dooj 2021: भारतीय हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल भाई दूज का पावन पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 6 नवंबर, 2021 शनिवार को है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस साल भाई को तिलक लगाने का शुभ चौघड़िया मुहूर्त 7:58 ए एम से 9:20 ए एम तक और दूसरा मुहूर्त 1:34 पी एम से 3:10 पी एम तक स्थिर लग्न मुहूर्त में है।

Bhai dooj vidhi: पहले पूजा की थाली, फल, फूल, दीपक, अक्षत, मिठाई, सुपारी इत्यादि वस्तुओं से सजा लें। इसके बाद आटे के दीपक में देसी घी डालकर दीपक जलाकर भाई की आरती करें और बताये गए शुभ मुहूर्त के अनुसार तिलक लगाएं। भाई की रक्षा, दीर्घायु व उज्जवल भविष्य की मनोकामना करें एवं चावल लगाएं तथा आरती करें। तिलक लगाने के बाद भाई का मुंह मीठा मिठाई इत्यादि खिलाकर करवाएं।
तिलक और आरती के बाद भाई को अपनी बहन की रक्षा का संकल्प लेना चाहिए और उन्हें उपहार दें। पुरानी कथाओं के अनुसार भाई दूज के अवसर पर जब बहन अपने भाई को तिलक लगाती है तो भाई के जीवन पर आने वाले हर प्रकार के संकट का नाश हो जाता है और उसके जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन भाई को बहन के घर भोजन करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

Why bhai dooj is celebrated: मान्यता है कि इस दिन जो भाई अपनी बहन से तिलक करवाता है, उसे कभी अकाल मृत्यु का भय नहीं सताता। इस दिन को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। सनातन हिंदू धर्म में रक्षाबंधन की तरह ही भाई दूज का भी विशेष महत्व होता है। भाई दूज को लेकर एक पौराणिक कथा काफी प्रचलित है -

Bhai Dooj katha: सूर्य देव की पत्नी छाया की कोख से यमराज तथा यमुना का जन्म हुआ। यमुना अपने भाई यमराज से निवेदन करती थी कि उसके घर आकर भोजन करें लेकिन यमराज व्यस्त रहने के कारण यमुना की बात को टाल जाते थे। एक दिन कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यमुना अपने द्वार पर अचानक यमराज को खड़ा देखकर प्रसन्नचित्त हो गई। उन्होंने भाई का स्वागत-सत्कार किया तथा भोजन करवाया। इससे प्रसन्न होकर यमराज ने बहन से वर मांगने को कहा। तब बहन ने भाई से कहा कि आप प्रतिवर्ष इस दिन मेरे यहां भोजन करने आया करेंगे तथा इस दिन जो बहन अपने भाई को टीका करके भोजन खिलाए उसे आपका भय न रहे। यमराज तथास्तु कहकर यमपुरी चले गए।
ऐसी मान्यता है कि जो भाई आज के दिन यमुना में स्नान करके पूरी श्रद्धा से बहनों के आतिथ्य को स्वीकार करते हैं, उन्हें तथा उनकी बहन को यम का भय नहीं रहता।

Sanjay Dara Singh
AstroGem Scientists
LLB., Graduate Gemologist GIA (Gemological Institute of America), Astrology, Numerology and Vastu (SSM).
