Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 Mar, 2025 02:01 PM

Bhalchandra Sankashti Chaturthi 2025: चैत्र माह में आने वाली भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी श्री गणेश को समर्पित है। इस दिन संकटों से राहत पाने के लिए शुभ मुहूर्त में गणपति जी की पूजा और खास उपाय करने चाहिए-
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Bhalchandra Sankashti Chaturthi 2025: रंगारंग त्यौहार होली के बाद चैत्र माह का आरंभ होता है। चैत्र माह के आरंभ में जो संकष्टी चतुर्थी आती है, उसे भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस रोज गणेश जी की विधिवत्त पूजा करने से हर तरह के संकट से राहत मिलती हैं और मनचाही मुरादें पूरी होती हैं। चैत्र माह की भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी सोमवार 17 मार्च 2025 को है। सोमवार भोले बाबा को समर्पित वार है और इस दिन भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी भी पड़ रही है। इस खास दिन को पूजा करने से पिता-पुत्र यानी भगवान शिव और गणेश जी दोनों का आशीर्वाद एकसाथ प्राप्त होगा।

Bhalchandra Sankashti Chaturthi 2025 auspicious time भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 2025 शुभ मुहूर्त
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 17 मार्च 2025 की रात 07.33 से होगा और 18 मार्च 2025 की रात 10.09 पर विश्राम होगा।
भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी की सुबह का पूजा मुहूर्त- प्रात: 9.29 से लेकर 10.59 तक रहेगा।
भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी रात का पूजा मुहूर्त- शाम 5.00 से लेकर रात 8.00 बजे तक होगा।
चंद्रोदय का समय- रात 09.18 पर होगा। इस समय चांद को अर्घ्य देंगे।

Bhalchandra Sankashti Chaturthi Puja Mantra भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी पूजा मंत्र: ॐ भक्तविघ्नविनाशनाय नमः॥

Bhalchandra Sankashti Chaturthi Puja Vidhi भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि: गणपती का विधिवत पूजन करें। शुद्ध घी का दीप करें, चंदन धूप करें, गोलोचन चढ़ाएं, सफेद फूल चढ़ाएं, दूर्वा चढ़ाएं, चार लड्डू का भोग लगाएं, रुद्राक्ष की माला से 108 बार यह विशेष मंत्र जपें। पूजन उपरांत चंद्रमा को शहद, चंदन, रोली मिश्रित दूध से अर्घ्य दें। पूजन के बाद लड्डू प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें।

Remedies for Bhaalchandra Sankashti Chaturthi भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के उपाय
भौतिक सुखों की प्राप्ति हेतु गणेश जी पर बेल फल चढ़ाएं।
पारिवारिक विपदा से मुक्ति हेतु गणेश जी पर चढ़े गोलोचन से घर के मेन गेट पर तिलक करें।
रुके मांगलिक कार्य संपन्न करने हेतु शक्कर मिली दही में छाया देखकर गणपती पर चढ़ाएं।
