Edited By Prachi Sharma,Updated: 21 Feb, 2024 07:14 AM
दुनिया के सबसे बड़े नाट्य महोत्सव में न केवल भारतीय बल्कि विदेश के नाटकों का भी मंचन किया जाएगा। इसे दुनिया का सबसे बड़ा नाट्य महोत्सव कहने के पीछे
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दुनिया के सबसे बड़े नाट्य महोत्सव में न केवल भारतीय बल्कि विदेश के नाटकों का भी मंचन किया जाएगा। इसे दुनिया का सबसे बड़ा नाट्य महोत्सव कहने के पीछे कारण बड़ा है। अब तक सबसे बड़ा नाट्योत्सव न्यूयार्क (अमरीका) में होता था, जिसमें 75 नाटक मंचित किए जाते हैं लेकिन भारंगम में 150 नाटक मंचित करके नया रिकॉर्ड बनाया जा रहा है।
Inauguration of Natya Yatra in Mumbai मुंबई में हुआ नाट्य यात्रा का श्रीगणेश
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा आयोजित भारंगम 1999 में प्रारंभ हुआ था। इस महोत्सव के सफर ने इस बार 25वें वर्ष में प्रवेश किया। इस बार भारंगम का श्रीगणेश अभिनय की नगरी मुंबई में किया गया।
नाट्य महोत्सव का आयोजन दिल्ली, मुंबई के साथ पुणे, वाराणसी, पटना, जोधपुर, विजयवाड़ा, अगरतला, भुवनेश्वर, बेंगलुरू, भुज, डिब्रूगढ़, गंगटोक, रामनगर, श्रीनगर में किया जा रहा है। नाट्य प्रस्तुतियों के साथ अन्य रचनात्मक गतिविधियों का भी आयोजन किया जा रहा है।
Acting skills being shown on many stages कई मंच पर दिखाया जा रहा अभिनय कौशल
नाट्य प्रेमियों के लिए भारंगम के तहत राजधानी में कई मंचों पर अभिनय कौशल की प्रस्तुति दी जा रही है। रंगमंच प्रेमियों के लिए राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, मंडी हाऊस के साथ कमानी प्रेक्षागृह, एल.टी.जी., एस.आर.सी. और मेघदूत सभागारों में नाटकों का मंचन किया जा रहा है। 21 दिनों के इस महोत्सव के अंतिम दिन यानी 21 फरवरी को कमानी सभागार में भव्य समारोह आयोजित किया जाएगा। इस बार इस महोत्सव के ब्रांड एम्बैसेडर के रूप में पंकज त्रिपाठी को चुना गया है।
लोक संस्कृति से जोड़ने का बड़ा उद्देश्य
भारंगम में जहां नाट्य प्रस्तुति से लोगों का मनोरंजन कराया जा रहा है, वहीं लोगों को लोक संस्कृति से जोड़ने के उद्देश्य से विशेष प्रस्तुतियां दी जा रही हैं। प्रतिदिन मंचित होने वाले नाटक से पहले सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की ओर से नाट्य महोत्सव भारंगम का समापन देशभर में 21 फरवरी को एक समय पर 2 हजार नाटकों के मंचन से होगा।
Theme of Har Ghar Theater हर घर थिएटर की थीम
21 फरवरी को शाम 4 बजे लगभग 2,000 थिएटर ग्रुप एक साथ एक थीम ‘वसुधैव कुटम्बकम’ पर प्रस्तुति देंगे। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय ने इसे ‘जन भारत रंग’ की संज्ञा दी है। निदेशक चितरंजन त्रिपाठी के अनुसार विद्यालय ‘हर घर थिएटर’ की भावना के साथ काम कर रहा है। रंगमंच की पहुंच घर-घर तक बनाने के लिए सभी को एक मंच पर लाने का प्रयास किया जा रहा है।
मंडी हाऊस स्थित कमानी थिएटर में भारत रंग महोत्सव के समापन समारोह से पूर्व जन भारत रंग उत्सव आयोजित किया जाएगा। इसके लिए थिएटर ग्रुप्स को एक पोर्टल के माध्यम से जोड़ा जाएगा। पोर्टल पर 29 राज्यों की विंडो बनाई गई है।
Samudra Manthan will be staged very special समुद्र मंथन का मंचन होगा अत्यंत विशेष
नाटक ‘समुद्र मंथन’ का मंचन अत्यंत विशेष होगा जिसका निर्देशन चितरंजन त्रिपाठी ने किया है।